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video : घोड़े-बग्घी के साथ रथ में निकली भगवान विश्वकर्मा की अष्टधातु प्रतिमा

चित्रकूट से आरंभ हुई भगवान विश्वकर्मा की दर्शन और जनचेतना यात्रा का शनिवार को उज्जैन आगमन हुआ।

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उज्जैन. चित्रकूट से आरंभ हुई भगवान विश्वकर्मा की दर्शन और जनचेतना यात्रा का शनिवार को उज्जैन आगमन हुआ। घोड़े-बग्घी और रथ पर सवार भगवान विश्वकर्मा की अष्टधातु प्रतिमा के साथ बड़ी संख्या में महिलाएं कलश उठाकर यात्रा में शामिल हुई।

प्रदेशभर के समाजजन शामिल
प्रदेशभर के विश्वकर्मा वंशियों ने शोभायात्रा में हिस्सा लिया। शोभायात्रा का शहर में जगह-जगह स्वागत किया गया। भगवान विश्वकर्मा के दर्शन और समाज में जनचेतना लाने के उद्देश्य से यात्रा का आयोजन २८ जनवरी को चित्रकूट से किया गया था। यात्रा का समापन उज्जैन में समाज के सम्मेलन, सम्मान समारोह और भगवान महाकाल का मंदाकिनी नदी के जल से अभिषेक के साथ किया गया।

कहां-कहां से होकर गुजरी यात्रा
यात्रा के प्रभारी इस मोहनलाल विश्वकर्मा और जगदीश पांचाल ने बताया की चित्रकूट से यात्रा बीड़, रीवा, सतना, देवेंद्रनगर, पन्ना, छतरपुर, बड़ामलहारा, बंडा, सागर, बेगमगंज, रायसेन, भोपाल से होकर उज्जैन पहुंची।

उज्जैन पहुंचने पर भव्य स्वागत
यात्रा के उज्जैन आगमन पर भव्य स्वागत हुआ। उज्जैन के क्षीरसागर मानस भवन से शोभायात्रा आरंभ की गई, जो नई सड़क, कंठाल, गोपाल मंदिर , गुदरी चौराहा, महाकालेश्वर मंदिर के सामने से होकर हरसिद्धि मंदिर के पास संपन्न हुई।

वरिष्ठजनों का किया सम्मान
उज्जैन पांचाल समाज द्वारा आयोजित कार्यक्रम में समाज के वरिष्ठजनों को सम्मान किया गया। भगवान विश्वकर्मा की आरती कर प्रसादी वितरण किया गया। इस अवसर पर भगवान चैतन्य बापू, जगदीश गुरु , मोहनलाल कारपेंटर, ज्वालाप्रसाद विश्वकर्मा, राजेंद्र विश्वकर्मा, रमेश चंद्र शर्मा, विजय शर्मा मौजूद थे।

शोभायात्रा के लिए तैयार किए थे कलश
चित्रकूट से उज्जैन पहुंची कलश यात्रा के लिए उज्जैन में पहले से तैयारियां शुरू हो गई थीं। नामदारपुरा स्थित विश्वकर्मा धर्मशाला में बैठक हुई थी। इसमें समाजजनों ने चल समारोह को सफल बनाने का संकल्प लिया था। साथ ही शोभायात्रा के लिए समाज की महिलाओं द्वारा कलशों को शृंगारित किया गया था। इस अवसर पर भगवान चैतन्य बापू, जगदीश गुरु, मोहनलाल कारपेंटर, ज्वालाप्रसाद विश्वकर्मा, राजेंद्र विश्वकर्मा, रमेश चंद्र शर्मा, विजय शर्मा मौजूद थे।