
Vikram Temple ujjain
उज्जैन. हिंदू नववर्ष यानी नवसंवत्सर शुरू होता है विक्रम संवत से और यह विक्रम संवत नाम पड़ा महाराजा विक्रमादित्य से। आइए जानते हैं कौन है विक्रमादित्य...। भारत के सर्वाधिक लोकप्रिय और प्रसिद्ध पुरातन पुरुषों विक्रमादित्य अग्रगण्य माने जाते है। भारतीय सभ्यता और राजतंत्रीय शासन में जो कुछ सर्वश्रेष्ठ था विक्रमादित्य को उसका प्रतीक माना जाता है। इतिहास गवाह है कि विक्रमादित्य शक्तिशाली राजा होने के साथ उदार शासक भी था। भारत में विक्रमादित्य का नाम पश्चिम के सीजर के समान अत्यधिक महत्व प्राप्त है और यह विजय, वैभव और साम्राज्य का प्रतीक माना जाता है। विक्रमादित्य के नाम, काम और कई विषयों को लेकर इतिहासकार कभी भी एक मत नहीं रहें। यही वजह है कि अनेक विद्वान विक्रमादित्य के ऐतिहासिक अस्तित्व को स्वीकार नहीं करते है। ऐसे विद्वानों के मतानुसार विक्रमादित्य किसी व्यक्ति विशेष का नाम नहीं था, बल्कि एक उपाधि थी। अनेक विद्वान इस तथ्य से सहमत नहीं है। उनका मानना है कि विक्रमादित्य इतना महान था कि उसका नाम बाद के राजाओं और सम्राटों के लिए एक पदवी और उपाधि बन गया। हालांकि कालांतर में अधिकांश विद्वानों ने विक्रमादित्य की ऐतिहासिकता को स्वीकार कर लिया है।
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