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पुलिस ने क्यों पीटा केंद्रीय मंत्री गेहलोत के पोते को…

बकपल गरबे में हुए विवाद के बाद पुलिस को बेगुनाहों पर लाठी बरसाना पड़ी महंगी

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पुलिस ने क्यों पीटा केंद्रीय मंत्री गेहलोत के पोते को...

बकपल गरबे में हुए विवाद के बाद पुलिस को बेगुनाहों पर लाठी बरसाना पड़ी महंगी

नागदा . नगर के एक गरबा पंडाल में शुक्रवार रात करीब 12 बजे हुए विवाद के बाद बेकाबू हुई पुलिस को बेगुनाहों पर लाठी भांजना भारी पड़ गया। पुलिस ने गरबा पंडाल में विवाद का कारण बने युवकों पर लाठी बरसाने की बजाय शहर के विभिन्न चौराहों पर खड़े निर्दोषों पर लाठियां भांज दी। इसमें केंद्रीय मंत्री थावरचंद गेहलोत का पोता विशाल गेहलोत व भाजपा के पूर्व विधायक दिलीपसिंह शेखावत का निज सहायक लालसिंह कुशवाह सहित कई अन्य निर्दोष लोग घायल हो गए। हालांकि इस दौरान एक उपनिरीक्षक अशोक दुबे को भी चोट आई। मामले में भाजपाइयों ने थाने का घेराव कर दिया। इधर वरिष्ठ अधिकारियों ने मामले की हकीकत जानने के बाद दो उपनिरीक्षक सहित दो आरक्षकों को तत्काल प्रभाव से लाइन हाजिर कर विभागीय जांच का आश्वासन दिया तो भाजपाई शांत हुए।
दरअसल शुक्रवार देररात एक गरबा पंडाल में कुछ मनचलों ने महिला सहित युवती से छेड़छाड़ की थी। सूचना मिलने पर पुलिस गरबा पंडाल में पहुंची, लेकिन मनचले भाग निकले। बताया जा रहा है कि पुलिस फिर सूचना मिली की गरबा मंडल में उत्पात मचाने वाले युवक महिदपुर रोड मार्ग पर खड़े हैं। उसके बाद पुलिस पेट्रोलिंग करती हुई बायपास राजस्थानी ढाबे पर पहुंची और यहां खड़े युवकों पर बिना कारण पूछे लाठियां भांजना शुरू कर दी। उसमें से कुछ युवकों को पुलिस वाहन में बैठाकर थाने लाया जा रहा था कि बस स्टैंड पर कुछ युवकों के समूह को देखकर पुलिस ने इन पर भी लाठियां भांजना शुरू कर दी। इस पूरे घटनाक्रम में पहले वाले स्थल पर केंद्रीय मंत्री गेहलोत का पोता विशाल दोस्तों के साथा चाय पी रहा था। दूसरे स्थल पर पूर्व विधायक दिलीपसिंह शेखावत का निजी सहायक कुशवाह मित्र का इंतजार कर रहा था, लेकिन दोनों सहित अन्य युवक बेकाबू हुई पुलिस की लाठियों का शिकार बन गए। बेगुनाहों के घायल होने पर भाजपाइयों ने थाने का घेराव किया। उसके बाद मंडी थाना प्रभारी श्यामचंद शर्मा ने चार पुलिसकर्मियों पर यह कार्रवाई की गई।
इन पर गिरी कार्रवाई की गाज-बेगुनाहों पर लाठी बरसाने वाले पुलिसकर्मी में शामिल उपनिरीक्षक बिजेंद्र छाबरिया, प्रीति कनेश, आरक्षक हरिओम एवं प्रफुल्ल शामिल थे। इन्हें घटना के तत्काल बाद लाइन हाजिर कर दिया गया।