उज्जैन. पेटलावद हादसे के बाद प्रशासन की ओर से पटाखा कारखानों और दुकानों पर सख्ती की गई, जिसका असर विजयादशमी और दीपावली पर्व पर दिखाई दे रहा है। इसके चलते रावण दहन से पहले होने वाली आतिशबाजी के लिए आयोजकों को कच्चा माल नहीं मिल रहा। नतीजन उन्हें प्रदेश के बाहर से कारीगर बुलाना पड़ रहे हैं। इस कारण तीन गुना ज्यादा खर्च हो रहा है, वहीं कारीगर भी सीमित मात्रा में ही कच्चा माल लाएंगे। इस कारण दो घंटे तक होने वाली आतिशबाजी का समय भी घटकर सिर्फ आधा घंटा रह गया है। वहीं कुछ आयोजकों ने महंगे दामों पर चायनीज पटाखे भी मंगवाए हैं।