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अपर कमिश्नर का स्थगन आदेश भी दरकिनार

अधिकारियों ने कहा काम रोकने जैसा को आदेश नहीं

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Additional commissioner's stay order also bypassed

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उमरिया. जहां पूरे प्रदेश में भू माफियाओ के खिलाफ मप्र सरकार ने मुहिम छेड़ रखी है वहीं उमरिया जिले के माफियाओं को खुला बरहस्त मिला हुआ है। यहां पर अपर कमिश्नर का स्थगन आदेश भी कमजोर पड़ जाता है। ऐसा ही मामला सामने आया जिसमें छटन कैंप स्थित खसरा नंबर 1195, 1196/1, 1196/3 पर चल रहे निर्माण कार्य को लेकर अपर कमिश्नर शहडोल के पास नामांतरण निरस्त करने की अपील की गई थी। जिसमें स्थगन आदेश जारी किया गया था। उस स्थगन आदेश को उमरिया तहसीलदार को दिया गया। जिस पर उनका जवाब था कि इस स्थगन आदेश में काम रोकने जैसा कोई भी आदेश नही हैं। इसके बाद आवेदक ने तहसीलदार से स्थगन आदेश के लिए आवेदन किया। जिस पर तहसीलदार उमरिया ने आवेदक को स्थगन आदेश तो दे दिया लेकिन चल रहे निर्माण कार्य को रोकने में प्रशासन नाकाम रहा। जानकारी के अनुसार उमरिया निवासी विकास सचदेव ने कलेक्टर को एक पत्र सौंपते हुए अपनी व्यथा सुनाई है। जिसमें कहा गया कि उसके पिता पवन कुमार सचदेव 60 वर्ष विगत 12 वर्षो से लकवा ग्रस्त है। जिन्हें मेडिकल बोर्ड द्वारा 80 प्रतिशत अस्वस्थ्य पाया गया है। चूंकि जो भी 80 प्रतिशत अस्वस्थ्य हो वह नि:संदेह किसी भी प्रकार का कोई शारीरिक, मानसिक निर्णय नही ले सकता। इसके बावजूद भी बंटवारें के नाम पर उनके पिता को घर से आटो में बैठाकर ले जाया गया और धोखे से अंगूठा लगाकर 16 जनवरी 2019 को रजिस्ट्री करा ली गई। उसके पिता वर्ष 2007 से लकवा ग्रस्त है जो चल फिर पाने तथा बोलने व समझने मे असमर्थ है। नि:शक्तता प्रमाण पत्र 10 सितंबर 2012 को जारी किया गया था। उनकी उक्त असमर्थता की स्थिति में 28 नवंबर 2017 को उक्त संपूर्ण भूमि एक करोड 51 लाख रूपये मे चोरी छिपे विक्रय का सौदा कर अनुबंध पत्र निष्पादित करा दिया गया था। जिसका नोटरी 28 नवंबर 2014 मे की गई है। इसकी जानकारी पीडितों को बिलकुल नही लग पाई थी। इसकी जानकारी लगते ही वह कलेक्टर के समक्ष 9 अप्रैल 2019 को रिपोर्ट किया था। जिसमें तहसीलदार बांधवगढ$़ को नामांतरण की कार्यवाही पर तत्काल रोक लगाये जानें , मौके पर जाकर संज्ञान करने कि क्या लकवा ग्रस्त व्यक्ति द्वारा विक्रय किया जा सकता है और यह भी कि क्या इस व्यक्ति द्वारा अपनी सहमति पर पूर्ण संज्ञान यह विक्रय पत्र निष्पादित किया गया है कि नहीं। कलेक्टर द्वारा जारी किए गए आदेश को नजर अंदाज करते हुए तहसीलदार बांधवगढ़ के द्वारा बिना जांच नामंातरण कर दिया गया।
इनका कहना है
अपर कमिश्नर शहडोल का जो आदेश मिला है उसमें निर्माण कार्य रोकने की बात कहीं नहीं लिखी गई है। इसके बाद भी प्रार्थी के आवेदन पर मैने अपनी ओर से स्थगन आदेश जारी कर दिया है। आर आई पटवारी को मौका मुआयना करने का आदेश भी दिया है।
दिलीप सिंह, तहसीलदार, बांधवगढ़।