
Cracks started appearing in the model college building worth eight crores within a year.
उमरिया. आदिवासी बाहुल्य जिले के छात्रों को उच्च शिक्षा में विशेष गुणवत्ता प्रदान कराने अग्रणी महाविद्यालय होने के बावजूद आठ करोड़ रुपये की लागत से मॉडल कॉलेज का निमार्ण कराया गया जो अब जर्जर होता जा रहा है। बताया गया कि साल भर बाद ही कॉलेज की दीवारों में दरार आ गई और फर्स भी टूटने लगा है।
बताया गया कि भवन की छत से भी बरसात के समय पानी टपकता रहता है। बारिश के समय पुस्तकालय में रखी लाखो रुपये की पुस्तकों भी खराब हो जाती हैं। कॉलेज की शुरुआत में ही छात्रों व प्रबंधन ने भवन के गुणवत्ताहीन निर्माण को लेकर प्रशासन को पत्र लिखा गया। बावजूद इसके आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। आठ करोड़ रुपये खर्च करने के बाद निर्माण एजेंसी ने गुणवत्ताहीन निर्माण तो किया ही साथ ही कॉलेज निर्माण में तय किए गए भवन के प्राक्कलन को भी बदल दिया और फस्र्ट फ्लोर में जिन आठ कमरों का निर्माण करना था वह भी नहीं किया गया।
भाजपा विधायक शिवनारायण सिंह ने भी निर्माण एजेंसी के खिलाफ कलेक्टर को पत्र लिखकर कार्यवाही की मांग की है। हालांकि जिले के कलेक्टर ने मामले की जानकारी के
बाद उचित कार्यवाही का भरोसा दिया है। सवाल यह उठता है कि किसी भी सरकारी निर्माण का कार्य पूरा होने के बाद इंजीनियर के द्वारा भौतिक सत्यापन किया जाता है, तो फिर इतनी बड़ी चूक कैसे हो सकती है। क्या जांचकर्ता अधिकारी ने इसकी जांच में लापरवाही बरती है, या फिर कोई और ही समीकरण बैठाया गया है।
Published on:
24 May 2023 04:47 pm
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