
कक्षा पांचवीं और आठवीं की परीक्षओं के बदल गए नियम
उमरिया. राज्य शासन के स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार लाने हेतु कक्षा 5 वीं और 8 वीं की परीक्षा बोर्ड पैटर्न से कराने का निर्णय लिया गया है। जिस तरह से कक्षा 10 वीं एवं 12 वीं की परीक्षाएं संपन्न होती थी। 5 वीं और 8 वीं के विद्यार्थियो को इस बार वार्षिक परीक्षा में पास होने के लिए सभी विषयो में न्यूनतम 33 प्रतिशत अंक प्राप्त करने होंगे, अन्यथा अगली कक्षा में उनकी कक्षोन्नति नहीं हो पाएगी।
अब तक विद्यार्थियों को कक्षोन्नति देकर उन्हे अगली कक्षा में प्रवेश दे दिया जाता था। अनुत्तीर्ण विद्यार्थियों को दो माह के अंदर परीक्षा उत्तीर्ण करने के लिए एक अवसर और प्रदान किया जाएगा। अनुत्तीर्ण विद्यार्थियो की पुन: परीक्षा ली जाएगी। इसमें उत्तीर्ण होने वाले विद्यार्थियों को अगली कक्षा में प्रवेश की पात्रता होगी। लेकिन दूसरी बार में भी अनुत्तीर्ण होने पर विद्यार्थी को अगले सत्र में भी उसी कक्षा में अध्ययन करना होगा। इस प्रक्रिया में शासकीय और अशासकीय स्कूलों के सभी विद्यार्थी शामिल रहेंगे। जिला शिक्षा अधिकारी ने अभिभावको से कहा है कि वे अपने बच्चो की पढाई पर विशेष ध्यान दें तथा घर पर नियमित पढाई हेतु प्रेरित करे। एपीसी सुशील मिश्रा ने बताया कि जिले में इसके लिए कार्य योजना तैयार की गई है।
जिसके तहत पांचवी एवं आठवी पढाने वाले शिक्षकों का निर्धारण कर जानकारी विद्यालय के सूचना पट में प्रदर्शित करने , पूर्व में उपलब्ध कराएं गए प्रश्न पत्रों का अभ्यास कराने, प्रश्न बैंक के आधार पर प्रतिदिन विषय वार अभ्यास कराने, 5 वीं एवं 8 वीं के विद्यार्थियों के साप्ताहिक टेस्ट लेकर विशलेषण करने, शाला प्रारंभ होने के पूर्व तथा पश्चात निदानात्मक कक्षाओं का संचालन करने, बोर्ड परीक्षा का महौल निर्मित करने, हिंदी एवं अंग्रेजी के शब्दों का अभ्यास कराने तथा अभिभावको की बैठक लेकर बच्चों की काउंसलिंग पर ध्यान देेने हेतु कहा गया है। साथ ही यह भी कहा गया है कि जिन स्कूलो का परीक्षा परिणाम 80 प्रतिशत से कम रहेगा उनके प्रधानाध्यापक एवं शिक्षको के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी।
Published on:
20 Nov 2019 10:00 am
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