गरीबों के प्रकरणों में न हो लापरवाही
In cases of poor, neither carelessness
उमरिया. बैंकर्स एवं विभागीय अधिकारी, कर्मचारी सेवक की भंाति गरीबों की मदद के लिए आगे आये ताकि गरीबों को समय पर योजनाओं का लाभ मिल सके और वे अपने पैरों पर खड़ा होकर पारिवारिक जिम्मेंदारियों का सही तरीके से निर्वहन करके सक्षम हो सके। यह भावपूर्ण उदगार कलेक्टर माल सिंह ने दीन दयाल अन्त्योदय योजना के अंतर्गत मप्र डे राज्य आजीविका मिशन के तहत आयोजित बैंकर्स कार्यशाला में व्यक्त किया। कलेक्टर माल सिंह ने अधिकारियों से कहा है कि जो लक्ष्य चालू वित्तीय वर्ष हेतु प्राप्त हुए है, उनमें 125 प्रतिशत प्रकरण बैको में प्रेषित करें। उन्होने समस्त बैंकर्सो से कहा है कि हितग्राहियों के प्रकरणों की हीलाहवाली नही करें और त्वरित निष्पादन कर उन्हे ऋण एवं अनुदान प्रदान करें ताकि वे मूल्य उद्देश्यो को प्राप्त कर सके। कार्यशाला में प्रशिक्षक मनीष श्रीवास्तव ने बताया कि एन आर एल एम के तहत स्व-सहायता समूहों में क्षमतावर्धन हेतु 10 हजार रुपये प्रति एसएचजी, एक हजार रुपये रिवाल्ंिवग फण्ड प्रति सदस्य अधिकतम 15 हजार रुपये, सीआईएफ 80 हजार रुपये प्रति समूह , क्षमता वृद्धि एवं कौशल प्रशिक्षण 7500 प्रति लाभान्वित, इंनट्रेस्ट सब्सिडी 7 प्रतिशत सलाना ब्याज दर पर समय से पहले लौटाने के आधार पर दी जाएगी। इसी प्रकार फेडरेशनों की सतता हेतु ग्राम स्तरीय के लिए 65 हजार, ब्लाक स्तर पर 35 हजार तथा जिला स्तर पर 75 हजार दिया जाएगा। उन्होने कहा कि गरीब परिवारों को उपयोगी स्वरेाजगार एवं कौशल अधारित मदजूरी के अवसर उपलब्ध कराकर उन्हें निर्धनता कम करना है। गरीबी हटाने में बैंकर्स की महती भूमिका होगी। स्व-सहायता समूहों के साथ बैंकर्स का व्यवहार अच्छा होना चाहिए, उनके लेन-देन में कहीं भी कठिनाई नही आए, इस बात का ध्यान बैंकर्स को देना होगा। बैठक में एलडीएम अरविंद गुप्ता, प्रशिक्षक मनीष श्रीवास्तव, जिला परियोजना प्रबंधक नीरज परमार, प्रबंधक केशव प्रजापति, सीमा शुक्ला, जीतेंद्र पटले, समस्त बैकर्स के साथ अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।जो लक्ष्य चालू वित्तीय वर्ष हेतु प्राप्त हुए है, उनमें 125 प्रतिशत प्रकरण बैको में प्रेषित करें।
Hindi News / Umaria / गरीबों के प्रकरणों में न हो लापरवाही