
Lakhs spent in making Chowpatty, yet shops in the streets
उमरिया. शहर में एकलौती चौपाटी देखरेख के अभाव में अव्यवस्था का शिकार हो रही है। शुद्ध पेयजल का अभाव है। कुर्सियां टूट रही हैं। आकर्षक व रंगीन फाउण्टेंन की मोटर व पंप गायब हो चुके हैं। सुविधाएं न होने से चौपाटी के हाथ ठेला संचालक शहरभर में गली गली दुकान लगाने मजबूर हैं। पांच साल पहले 7-8 लाख रुपए की लागत से नगर पालिक कार्यालय के पीछे नपा ने चौपाटी का निर्माण करवाया था। चारों तरफ बाउण्ड्रीवाल, टाइल्स से फर्शीकरण, विद्युत पोल में रंगीन लाइट एवं रेडिमेड पेड़ पौंधों से पूरे कैम्पस को सजाया गया था। साल दर साल देखरेख के अभाव में सामग्री जर्जर होती गई। स्टील की महंगी कुर्सियां टूट गई। अव्यवस्था के चलते शाम को आने वाले लोगों को कई तरह की दिक्कते होती हैं। पर्याप्त रोशनी न होने से हाथ ठेला वालों को आवागमन में परेशानी होती है। यही -कारण है कि अब यहां पहले जैसी रौनक नहीं होती। लगभग 5 साल हो रहे हैं जर्जर हो रही चौपाटी के रखरखाव को लेकर कोई कार्य नहीं हुए। ऐसे नपा के जनप्रतिनिधि आए दिन आरोप लगाते रहे हैं। यही कारण है कि यहां की दुकानें स्टेडियम तिराहा सामुदायिक भवन, पुरानी पोस्ट आफिस स्टेशन एरिया में शिफ्ट हो चुकी हैं। 20-25 हाथ ठेला दुकानों की बजाए अब महज
8-10 ही बचे हैं।
इनका कहना है
साफ-सफाई के लिए कर्मचारी तैनात है। नया सामान आते ही चौपाटी को व्यवस्थित कराया जाएगा। सभी दुकानों को एक स्थान पर चौपाटी में लगाया जाएगा। चौपाटी में खराब हुए लाइट, बैठक सामग्री की खरीदी की जानी है।
एसके गढ़पाल, सीएमओ, नगरपालिका उमरिया।
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दुकानदारों के लिए यहां और व्यवस्था सुधार की आवश्यकता है। शुद्ध पेयजल व निस्तार को लेकर लोग शिकायत करते हैं। मजबूरी में दूर से पानी ढोना पड़ता है। यही नहीं व्यवस्था न होने से कई लोग यहां से अलग-अलग जगह दुकान लगाने लगे हैं।
सुमित, दुकानदार
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चौपाटी शुरू होने के दौरान यहां अच्छी सुविधाएं थीं। आकर्षक लाइटिंग, बैठक व्यवस्था, फाउण्टेंट पंप साफ-सफाई कस्टमर को आकर्षिक करता था। अब ज्यादातर सामान जर्जर हो चुका है। नपा को चाहिए कि मेंटेनेंस करे।
शिव गुप्ता, दुकानदार
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चौपाटी के रख-रखाव में लापरवाही की गई है। यही कारण है फाउण्टेंट पंप चोरी हो गया। कुर्सियां टूट गई हैं। व्यवस्था न होने से दिक्कत होती है।
प्रकाश, नागरिक
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पास के नाले से दुर्गंध आती है। इसयकी नियमित सफाई नहीं होती। यही हाल पेयजल के लिए टंकी का है। पानी गंदा आता है।
शारदा, नागरिक
Published on:
21 Mar 2020 10:00 am
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