
Millers said - It is not possible to conduct physical verification for matching paddy every month, it is not fair
धान उपार्जन वर्ष 2023 24 में मिलिंग के लिए शासन द्वारा जारी नीति में सुधार किये जाने की मांग को लेकर जिले के मिलरों ने कलेक्टर उमरिया को ज्ञापन सौंपा है। उन्होंने बताया कि जारी की गई मिलिंग नीति के अनुसार विभाग द्वारा मिलिंग के लिए दी गई धान के मिलान के लिए प्रतिमाह मिलों का भौतिक सत्यापन करवाया जाएगा।
मिल में उपलब्ध धान एवं चावल के स्टॉक के मिलान में फर्क आता है तो मिलर से धान की लागत मूल्य की 5 गुना पैनाल्टी (लगभग 60 लाख रुपए प्रति लॉट) वसूल की जाएगी। मिलर के खिलाफ आपराधिक प्रकरण भी दर्ज किया जाएगा। मिलर्स का कहना है कि जो धान दी जाती है उसमें 433 क्विंटल के बदले 290 क्विंटल चावल लिया जाता है जो चावल मापदंड के अनुसार नहीं निकलता है। मिलिंग चालू रहने पर भौतिक सत्यापन होना संभव नहीं है क्योंकि धान का आना चावल का जाना लगा रहता है। इसलिए इस कंडिका को हटाना न्यायोचित होगा। मिलर्स को मिलिंग के पश्चात दी जाने वाली मिलिंग, प्रोत्साहन एवं अपग्रेडेशन राशि के संबंध में मिलर्स द्वारा दी गयी विद्युत खपत का नियम रखा गया है। जिन मशीनों में अधिक भार का विद्युत कनेक्शन लिया गया है उनमें अधिक पॉलिशर व सिल्की पॉलिशर होने की वजह से विद्युत खपत ज्यादा होती है, जबकि कम विद्युत भार वाले प्लांट में पॉलिशर एवं अन्य मशीनें कम होने की वजह से बिजली की खपत कम होती है, इसलिए विद्युत खपत की गणना छोटे प्लाट में एक यूनिट प्रति क्विंटल किया जाना न्यायोचित होगा।
मिलर्स को मिलिंग पर दी जाने वाली अपग्रेडेसन राशि गत वर्ष के समान अनुबंध के समय ही 50, 100, 200 रुपए प्रति क्विंटल दिए जाने संबंधी आदेश मिलिंग नीति में शामिल किया जाना न्यायउचित होगा। एफआरके चावल की गुणवत्ता के संबंध में मिलर को दोषी न ठहराया जाए। ज्ञापन सौंपने वालो में अर्पित राइस मिल, आर्या राइस मिल, शिव राइस मिल, राय राइस मिल, अनिल राइस मिल, यादव राइस मिल, उषा राइस मिल, सिंह राइस मिल, कैलाश फूड प्रोडक्ट, मनीष फूड प्रोडक्ट, सरस राइस मिल, सदगुरू राइस मिल के संचालक उपस्थित रहे।
Published on:
02 Dec 2023 03:57 pm
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