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राखड़ प्रबंधन की लापरवाही के कारण लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा बुरा असर

एनएच 43 में निर्माण कार्य के लिए खुले में रखा गया है राखड़

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एनएच 43 में निर्माण कार्य के लिए खुले में रखा गया है राखड़

एनएच 43 में निर्माण कार्य के लिए खुले में रखा गया है राखड़

शहडोल संभाग से जिले को जोडऩे के लिए एन एच 43 निर्माण में ठेका कंपनी द्वारा राखड़ प्रबंधन में खुलेआम अनियमितता बरती रही है। इसका प्रभाव स्कूली बच्चों, राहगीरों एवं स्थानीय निवासियों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है लेकिन इस ओर किसी का ध्यान नहीं जा रहा।
स्कूली छात्रा सोनम रजक, खुशबू, माया ने बताया कि प्रतिदिन ये छात्राएं पढ़ाई करने पाली के आसपास क्षेत्र से रामपुर स्थित विद्यालय में जाती हैं। वहां सडक़ का काम चल रहा है रोड के बगल से ही राखड़ के बड़े बड़े ढेर लगे हुए है। राखड़ आने जाने में उड़ कर आंख कान में भरती है खराब सडक़ के कारण वाहन निकलने में उतनी ही धूल भी उड़ती है लेकिन एक मात्र रास्ता होने के कारण और कोई चारा है ही नहीं। वहीं स्थानीय दुकानदार राजू यादव ने बताया कि ठेका कंपनी द्वारा राखड़ लाकर ढेर लगाया जा रहा है। जरा सी हवा चलने पर पूरी राखड़ दुकान में भरती है जिससे काम करना मुश्किल रहता है। कई बार बोलने पर भी कंपनी वाले ध्यान नहीं देते। बताया गया कि उक्त स्थान से नेशनल हाइवे का ओवर ब्रिज बनना है जिसके दोनों ओर स्लोव में राखड़ की फिलिंग कर सडक़ निर्माण करना है। इसकी अनुमति है, लेकिन राखड़ को चारों ओर से ढकने का नियम है, जिससे उडकऱ आसपास के क्षेत्र में न फैले।

गाडिय़ों से जो राखड़ आता है वह ढंककर ही आता है। काम बराबर चल रहा है। इसके बाद भी समस्या का दिखवाया जाएगा।

  • सुशील सिंह, प्रोजेक्ट मैनेजर टीबीसीएल