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चार हजार रुपए में ऑनलाइन मंगाया बीज, जर्मन पद्धति से तैयार की नर्सरी

मुनगा के पौधों की बाजार में भी बढ़ी मांग

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Seeds ordered online for four thousand rupees, nursery prepared by German method

Seeds ordered online for four thousand rupees, nursery prepared by German method

उमरिया. ग्राम पंचायत करौदीटोला में स्व सहायता समह की ज्ञानेश्वरी कुशवाहा ने सीएफटी परियोजना के अंतर्गत दिए गए मार्गदर्शन में मुनगे की उन्नत किस्म को तैयार किया है, जिसकी मांग भी अब बाजार में है। बताया जाता है कि ज्ञानेश्वरी कुशवाहा के पति ने इस काम में उनका साथ दिया ओडीसी किस्म के मूंगा का बीज ऑनलाइन के माध्यम से 1 किलो बीज 4000 रूपए का मंगाया गया तथा जर्मन पद्धति से नर्सरी का विकास किया गया जिसमे 80 प्रतिशत अंकुरण के साथ लगभग 8000 पौधे तैयार हुए और 25 मई तक नर्सरी को पूर्ण तरीके से विकसित कर लिया गया। तैयार नर्सरी को बेचने के लिए भी मार्केटिंग की सहायता सीएफटी टीम के द्वारा की गई, जिसके परिणाम स्वरूप जून माह में ही लगभग 80 प्रतिशत पौधो की बिक्री हुई, जिसे 20 रुपये प्रति पौधो के हिसाब से बेचा गया जिससे 116000 का फायदा प्राप्त हुआ। इसके अलावा फलदार पौधो की मांग के चलते फिर से सीएफटी टीम के मार्गदर्शन में पौधों की मांग की अनुरूप लगभग 900 पौधे उद्यानिकी विभाग से खरीद करके बिक्री कार्य किया गया जिससे लगभग 960000 का लाभ प्राप्त हुआ। दुर्गा स्व सहायता समूह की ज्ञानेश्वरी कुशवाहा इस कार्य से बहुत प्रभावित व खुश है और इस कार्य को आगे और बढ़ाने की योजना है। उद्यानिकी विभाग से निजी पोधशाला योजना का भी पंजीयन के लिये सीएफटी टीम प्रयासरत है जिसमे उद्यानिकी विभाग से सहायता भी प्राप्त हो सके। इस संबंध में कृषक का कहना है कि पहले उसे इतना फायदा नहीं मिल पा रहा था। जब उसे ओडीसी किस्म के बीज का पता तो उसने इसे मंगाकर बीजों को अंकुरण कर उसे बाजार में बेचा। जिसकी उसे अच्छी कीमत मिल रही है।