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चार जिले के प्रशिक्षकों ने सीखा कैसे करनी है बाघ गणना

मास्टर ट्रेनरां ने ईको सेटर में दिया दो दिवसीय प्रशिक्षण

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Trainers of four districts learned how to do tiger census

Trainers of four districts learned how to do tiger census

उमरिया. बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के अंतर्गत जैव विविधता प्रशिक्षण केन्द्र ताला स्थित ईको सेंटर में अखिल भारतीय बाघ गणना 2022 को लेकर दो दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। जिसमें बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व उमरिया क्षेत्रीय वनमण्डल दक्षिण शहडोल, क्षेत्रीय वनमण्डल अनूपपुर शहडोल, क्षेत्रीय वनमण्डल कटनी, क्षेत्रीय वनमण्डल एवं म.प्र. राज्य वन विकास निगम उमरिया परियोजना के चयनित अधिकारियों कर्मचारियों ने भाग लिया। उल्लेखनीय है कि हर चार वर्ष में होने वाली अखिल भारतीय बाघ गणना अक्टूबर माह में प्रारंभ होने जा रही है। जिसमें प्रत्येक वनमंडल के बीट को एक इकाई मानकर गणना की जाती है। प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ क्षेत्र संचालक बांधवगढ़ विसेन्ट रहीम के द्वारा किया गया। इस दौरान वन्यप्राणी मुख्यालय से आए उप वन संरक्षक रजनीश सिंह, उप वनमण्डल अधिकारी ताला एवं धमोखर भारतीय वन्यजीव संस्थान देहरादून, विश्व प्राकृति निधि एवं म.प्र. राज्य वन अनुसंधान केन्द्र से आए मास्टर ट्रेनर्स उपस्थित रहे। प्रशिक्षण में कुल 45 प्रतिभागियों द्वारा भाग लिया गया।
पहली बार मोबाइल एप से होगी पूरी गणना
इस बाघ आंकलन की विशेषता यह है कि यह संपूर्ण आंकलन इस वर्ष मोबाइल एप के द्वारा किया जायेगा। आंकलन तीन चरणों में होगा जिसमें प्रथम चरण में न्यूनतम तीन दिनों तक प्रत्येक बीटों में 5 कि.मी. या उससे अधिक बाघ एवं सह परजीवी के संभावित विचरण क्षेत्रों में पूर्णत: भ्रमण किया जायेगा तथा प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से पाए गए चिन्हों को मोबाईल एप द्वारा संकलित किया जायेगा। दूसरे चरण में इन प्राप्त ऑकड़ों का विश्लेषण भारतीय वन्यजीव संस्थान देहरादून द्वारा किया जायेगा। तीसरे चरणों में संपूर्ण वन क्षेत्रों की पूर्व निर्धारित 2 वर्ग कि.मी. की ग्रिड में बाघ अथवा सह परजीवी प्राणियों के संभावित स्थल पर 25 दिनों के लिए ट्रेप कैमरा लगाया जायेगा एवं ट्रेप कैमरा से प्राप्त छायाचित्रों के आधार पर सह परजीवियों की पहचान की जायेगी। इस प्रकार आगामी तीन दिनों तक बाघ एवं सहजीवियों की अहेर प्रजातियों का आंकलन प्रत्येक बीटों में ट्रांजेक्ट लाईन पर चलकर किया जायेगा जिसकी न्यूनतम लंबाई 2 कि.मी. ट्रांजेक्ट लाईन पर 1.5 और 1 कि.मी. के सेम्पल प्लॉट में प्रत्येक 400 मी. की दूरी पर वनस्पतिक सर्वेक्षण किया जायेगा तथा 400 मी. के इन बिन्दुओं पर सर्वेक्षण प्लॉट के विपरीत दिशा में 20 मी.म 2 मी. के प्लॉट में शाकाहारी वन्यजीव के लेडिय़ों की गणना भी की जायेगी। इस दौरान प्रत्येक क्षेत्र में गिद्धों की संख्या का आंकलन किया जायेगा।
हाथी एवं गौर की संख्या का भी होगा आकलन
बाघ एवं सह परजीवियों के साथ ही क्षेत्र में पाए जाने वाले हाथी एवं गौर की संख्या का आंकलन भी किया जायेगा। उल्लेखनीय है कि बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व एवं उसके आसपास वर्ष 2018 से जंगली हाथियों का रहवास है एवं वर्ष 2011-12 से गौर का पुर्नस्थापन भी इस क्षेत्र में किया गया है। दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के उपरांत प्रत्येक ईकाई से आए प्रशिक्षक अपने-अपने वनमण्डलों में जाकर सभी अधिकारियों/कर्मचारियों को अखिल भारतीय बाघ आंकलन का प्रशिक्षण देंगे। माह अक्टूबर 2021 से बाघ आंकलन की यह प्रक्रिया प्रारंभ कर दी जायेगी।