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नारायणपुर कृषि विज्ञान केन्द्र में बायो टेक किसान हब की हुई शुरूआत

कृषि विज्ञान केंद्र नारायणपुर (Narayanpur Krishi Vigyan Kendra) में बायोटेक किसान हब (Bio Tech Farmer Hub) की शुरुआत की गई है। राज्य के आकांक्षी जिलों में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय (Indira Gandhi Agricultural University) के जैव प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा इसकी स्थापना की गई है।

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नारायणपुर. कृषि विज्ञान केंद्र नारायणपुर (Narayanpur Krishi Vigyan Kendra) में बायोटेक किसान हब (Bio Tech Farmer Hub) की शुरुआत की गई है। राज्य के आकांक्षी जिलों में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय (Indira Gandhi Agricultural University) के जैव प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा इसकी स्थापना की गई है।

इस सम्बंध में कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. दिब्येंदु दास ने जानकारी देते हुए बताया कि बायोटेक किसान हब के अंतर्गत जिले में धान के सूखा, ब्लाइट एवं तनाछेदक सहनशील किस्म इंदिरा बारानी, जिंक की प्रचुर मात्रा वाली किस्म जिन्को राइस एवं छत्तीसगढ़ जिंक राइस का प्रदर्शन किया जा रहा है।

इन दोनों किस्मों में जिंक की प्रचुर मात्रा (26 से 28 पी पी एम) पाई जाती है, जो कि धान की सामान्य किस्मों के अपेक्षा अधिक है। उपरोक्त बायो फोर्टीफाईड किस्में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय द्वारा विकसित की गई है। जिले में इन किस्मों का 20 हेक्टेयर रकबे में प्रदर्शन किया जा रहा है। बायोटेक किसान हब के अंतर्गत जिले में स्यूडोमोनास जीवाणु से धान बीजोपचार कर उन्नत किस्मों के धान की उन्नत विधि से खेती प्रस्तावित है।

जिले के चयनित किसानों को खाद एवं बीज का वितरण किया जा चुका है। जिसमे बागडोंगरी, देवगांव, बेलगांव, पालकी एवं कोकोड़ी के किसान शामिल हैं। समस्त तकनीकी सहयोग कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक प्रदाय करेंगे। धान के बायो फोर्टीफाईड किस्मों के प्रसार से जिले में निश्चित ही कुपोषण से लड़ने में काफी मदद मिलेगी।