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वाराणसी में क्लोरिन गैस रिसाव से दहशत और अफरा तफरी, कई लोग बेहोश

इलाके में आवागमन रोककर किया गया रेस्क्यू ऑपरेशन।

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Gas leak

गैस लीक

वाराणसी. यूपी के वाराणसी में जल संस्थान में अचानक क्लोरिन गैस का रिसाव होने से हड़कंप मच गया। कई लोग गैस फैलने के चलते बेहोश हो गए और लोगों को सांस लेने में तकलीफ होने लगी। अफरा तफरी का आलम हो गया। बेहोश लोगों को तत्काल कबीर चौरा ले जाया गया, जहां कैलाश प्रसन्ना व लक्ष्मण सोनकर नाम के दो लोगों की हालत बिगड़ने पर उन्हें बीएचयू रेफर कर दिया गया। जहां उन्हें तत्काल वेंटिलेटर की आवश्यकता पड़ी। बेहोश होने वालों में भरत सोनकर, नारायण सोनकर व पंप हाउस अधीक्षक आशुतोष यादव शामिल हैं। फिलहाल इन तीनों की हालत स्थिर है। जलकल के महाप्रबंधक नीरज गौड़ ने बताया कि सवा सात बजे सिलेंडर से क्लोरीन गैस के रिसाव के चलते यह घटना हुई।

दरअसल सोमवार की देर शाम अचानक भेलुपुर स्थित जल संस्थान के पंप हाउस में कबाड़ में रखे सिलेंडर में रिसाव हो गया, जिसके बाद वहां आसपास अफरा तफरी मच गई। सिलेंडर से रिस रही गैस की महक इतनी तेज़ थी कि लोगों को सांस लेने में तकलीफ होने लगी। दर्जन भर लोगों को उल्टियां, घबराहट के साथ अधिकतर को गले में दर्द और आंखों में जलन महसूस हुई। आलम यह कि जल संस्थान परिसर के आसपास के इलाके में अफरा तफरी मच गई। परिसर से सटे चार दर्जन से ज़्यादा मकान में रहने वालों में दहशत फैल गई। परिसर में मौजूद कर्मचारी और सड़क पर लोग दहशत के चलते इधर उधर भागने लगे।

तत्काल पुलिस और प्रशासन एक्टिव हो गया। पुलिस ने भेलूपुर चौराहे व कमच्छा फल मंडी की तरफ से बैरिकेडिंग कर रास्ता रोक दिया था। भुवनिया पोखरी की ओर से आने वाले रास्ते पर पर भी आवागमन रोक दिया गया। गैस की महक को और फैलने से रोकने के लिये इलाके में पानी का छिड़काव कारकर गैस की महक को और फैलने से रोका गया।

चीफ फायर ब्रिगेड ऑफिसर अनिमेष सिंह ने बताया की पानी के क्लोरिनेशन के लिये क्लोरिन गैस का इस्तेमाल किया जाता है। इसी के लिए रखे किसी सिलेंडर में रिसाव हो गया। सूचना मिलने पर फायर ब्रिगेड की टीम पहुंची और पानी मरते हुए सिलेंडर की लोकेशन लेने की कोशिश की। पूरे वातावरण में जेट फॉग से पानी का छिड़काव किया गया ताकि गैस पानी में घुलती जाय और लोगों को इससे सांस लेने में परेशानी न हो। डेढ़ दो घंटे ऐसा करने के बाद हम इसके बाद और अंदर गए तो लीकेज सिलेंडर लॉकेट हो गया। कास्टिक सोडायुक्त पानी मारते हुए जेसीबी से सिलेंडर को निगम गहरे कुंएं में डाला गया ताकि गैस पानी में घुलकर ख़त्म हो जाय।