
File Photo
दमोह. विश्वव्यापी महामारी कोविड 19 के कारण लॉकडाउन लागू होने के बाद समाप्त भी हो गया। लेकिन बसों के पहिए लॉकडाउन के दिन से थमे सो अब थमे हुए हैं। बसें संचालित न होने से इस सेवा से जुड़े कर्मचारियों को रोजी.रोटी के लाले पड़ गए हैं।
बस सेवा से जुड़े ड्राइवर कंडक्टर, क्लीनर पिछले साढ़े तीन माह से बेरोजगार बैठे हैं। बसों पर चलकर दैनिक वेतन भुगतान से अपने परिवार का भरण.पोषण करनेवाले बस ड्राइवर, कंडक्टर व क्लीनर पिछले साढ़े तीन माह से आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं।
जिले भर में परिवहन सेवा से जुड़े सैकड़ों बस कर्मचारी हैं। जो अब बेहद परेशानी का सामना कर रहे हैं। कई बस कर्मचारियों ने परिवार का भरण पोषण करने के लिए वैकल्पिक रूप से दूसरे काम ढूंढ लिए हैं।
जबकि वैकल्पिक काम न करने वाले बड़ी संख्या में बस कर्मचारी खाली हाथ बैठे हैं। जिनकेे सामने आर्थिक संकट मुंह बाए खड़ा है। वहीं कई बस कर्मचारी आर्थिक संकट से पीछा छुड़ाने चाय, सब्जी, फल बेच व मजदूरी कर रहे हैं। बसों पर चलकर दो सौ सेे तीन सौ रुपए रोजाना के कमाने वाले जो बस कर्मचारी इस वक्त वैकल्पिक काम कर रहे हैं। ऐसे ड्राइवरों, कंडक्टरों व क्लीनरों का सामना ऐसी परिस्थितियों से कभी सामना नहीं हुआ। इनका चाय, सब्जी, फल, मजदूरी समेत अन्य कार्य करने का अनुभव कभी नहीं रहा। ऐसे में इनकी आय भी वैकल्पिक कामों से कम ही हो पा रही है। जिससे वैकल्पिक काम करने के बाद भी ये परेशानी का सामना कर रहे हैं। शासन द्वारा इस तरफ ध्यान न दिए जाने से बस कर्मचारी नाराज हैं। क्योंकि अभी तक सरकार ने इनकी कोई खैर खबर नहीं ली है।
Published on:
06 Jul 2020 11:45 pm
बड़ी खबरें
View Allदमोह
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
