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कल का हीरो, आज अस्पताल में

पालमेडु जल्लीकट्टू में 16 बैलों व सांडों को काबू कर श्रेष्ठ खिलाड़ी का खिताब हासिल करने वाला प्रभाकरण अलंगानल्लूर जल्लीकट्टू में चोटिल होकर शुक्रवार को अस्पताल पहुंच गया। चिकित्सकों ने उसे आराम की सलाह दी है।

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कल का हीरो, आज अस्पताल में

कल का हीरो, आज अस्पताल में

मदुरै. पालमेडु जल्लीकट्टू में गुरुवार को १६ बैलों व सांडों को काबू कर श्रेष्ठ खिलाड़ी का खिताब हासिल करने वाला प्रभाकरण अलंगानल्लूर जल्लीकट्टू में चोटिल होकर शुक्रवार को अस्पताल पहुंच गया। चिकित्सकों ने उसे आराम की सलाह दी है। विश्व में ख्याति प्राप्त अलंगानल्लूर जल्लीकट्टू का आयोजन बड़े शानदार ढंग से हुआ। वाड़ीवासल (बाड़े का द्वार) खुला और मदमस्त हुए बैल बाहर निकले जिनको जोशीले युवाओं ने अपने पराक्रम से काबू करने का प्रयास किया। इस कोशिश में प्रभाकरण के गले में एक बैल का सींग घुस गया। चोटग्रस्त प्रभाकरण को अस्पताल भर्ती कराया है। चिकित्सकों ने जांच के बाद उनको आगे खेलने से मना किया है तथा आराम करने की सलाह दी है।

मदुरै के पोदूमैपु निवासी प्रभाकरण ने पालमेडु जल्लीकट्टू मेें श्रेष्ठ प्रदर्शन कर मारुति कार जीती थी। प्रभाकरण ने पत्रकारों से वार्ता में कहा कि उनके लिए मित्र ही सबकुछ हैं। पालमेडु में कार जीतने की वजह भी मेरे मित्र हैं। मेरी बैलों को पकडऩे की क्षमता को देखते हुए उन्होंने ही मुझे प्रोत्साहित किया था। वे मेरे साथ उतरकर बैलों को काबू करने में मदद करते थे। चौदह वर्ष की आयु से मैं विभिन्न जगहों पर आयोजित होने वाले जल्लीकट्टू को देखता था।

पारैपट्टी जल्लीकट्टू में मैंने बाइक इनाम में जीती थी। २०१७ व २०१८ में तिरुचि के एक गांव में सोने के हार जीते थे। ऐसे ही कई पुरस्कार मैंने जीते हैं। केवल इनाम पाना ही लक्ष्य नहीं है बस जल्लीकट्टू में शामिल होने का गौरव है। प्रतियोगिता के कुछ दिन पहले मित्रों के साथ थोड़ा प्रशिक्षण भर कर लेता हूं।