
बहुचर्चित नान घोटाला मामले में नाटकीय मोड़, वकील बोले- सीएम रमन सिंह के चरित्र हनन करने की कोशिश
बिलासपुर. प्रदेश के बहुचर्चित नान घोटाला मामले में गुरुवार को नाटकीय मोड़ आ गया। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक के अधिवक्ता महेश जेठमलानी ने हाईकोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान जिरह करते हुए कहा कि जिस सीएम मैडम व सीएस सर को लेकर इतनी हायतौबा मचाई जा रही है। उसका आशय नान के तत्कालीन चेयरमैन सर व मैडम से है। विरोधियों द्वारा इसे जबरन सीएम रमन सिंह से जोड़ कर उनका चरित्र हनन करने की कोशिश की जा रही है। साथ ही किसी मामले की जांच पूरी हो जाने के बाद एसआईटी गठन कर जांच कराने का अपनी तरह का पहला मामला है। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। एसआईटी पूरी तरह से असंवैधानिक है व इसे जल्द भंग किया जाए।
जस्टिस पीसैंम कोशी व जस्टिस आरपी शर्मा की युगलपीठ के समक्ष सुनवाई के दौरान अधिवक्ता जेठमलानी ने ये आरोप भी लगाया कि राज्य शासन ने एसआईटी का गठन नान के तत्कालीन एमडी आईएएस अनिल टूटेजा के कहने पर गठित की थी। अब डायरी में उनका नाम सामने आने पर उन्हें बचाने के लिए पूरा षडयंत्र किया जा रहा है। राजनैतिक कारणों से सीएम डा. सिंह के चरित्र हनन को कोशिश की जा रही है, इसे बंद किया जाना चाहिए। नान मामले में गठित एसआईबी को असंवैधानिक बताते हुए नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने जनहित याचिका दायर कर इसे भंग किए जाने की मांग की है।
वहीं याचिकाकर्ता सुदीप श्रीवास्तव ने सीएम सर व मैडम की नई परिभाषा पर आश्चर्य जताते हुए कहा कि इस पूरे मामले की जांच होनी चाहिए और ये पता लगाया जाना चाहिए कि आखिर सीएम सर व मैडम वास्तव में कौन हैं। उन्होंने मुकेश गुप्ता के नेतृत्व में एसीबी की तत्कालीन टीम पर सबूत होते हुए भी आरोपियों पर कार्रवाई नहीं किए जाने का आरोप दोहराते हुए कहा कि एसीबी सही तरीके से जांच करती तो मामला साफ हो जाता। लेकिन उसने किसी प्रकार की दिलचस्पी नहीं दिखाई, पूरे समय डा. सीएम को चिंता मणि साबित करने में लगी रही जो कि नान का अदना सा कर्मचारी था।
ज्ञात हो कि नान में 36 हजार करोड़ के घोटाले को लेकर हमर संगवारी, अधिवक्ता सुदीप श्रीवास्तव, वीरेंद्र पांडेय समेत अन्य जनहित याचिकाओं पर सुनवाई चल रही है। इन याचिकाओं में सीबीआई जांच के साथ दोषियों को सजा देने की मांग की गई है।
Published on:
17 Jan 2020 12:37 pm
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