21 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

टूटी और उबड़खाबड़ सड़कों के झटकों का कहर, शरीर के जोड़ों पर हो रहा जमकर प्रहार

इन पर नियमित चलने वाले 68.1 लोग सरवाइकल, जोड़ों व कमर दर्द के ​शिकार 96 फीसदी लोग बोले..उनके आस-पास टूटी सड़कें, जिन पर सफर करना मजबूरी 16.5 प्रतिशत ने कहा...ऐसी सड़कों से उनके जोड़ों की समस्या अत्य​धिक जटिल व गंभीर हो गई : 16.5 - पत्रिका सर्वे

3 min read
Google source verification

जयपुर

image

Vikas Jain

Aug 08, 2024

जयपुर। लंबे समय तक चलने वाले निर्माण कार्य और बारिश व अन्य कारणों से उबड़-खाबड़ होकर टूट चुकी सड़कें इन पर नियमित चलने वाले 68.1 प्रतिशत लोगों को सरवाइकल, स्पोंडलाइटिस सहित जोड़ों व कमर दर्द का ​शिकार बना रही है। राजस्थान पत्रिका की ओर से प्रदेश भर में करवाए गए सर्वे में 16.5 प्रतिशत लोगों ने कहा कि ऐसी सड़कों के कारण उनके जोड़ों की समस्याएं अत्य​धिक जटिल और गंभीर हो गई। इससे उनमें चिड़चिड़ापन भी बढ़ता हुआ देखा जाता है। राजस्थान में अस्त-व्यस्त यातायात और टूटी सड़कों के उदाहरण कई जिलो में देखे जा रहे हैं। विशेष तौर पर बारिश के दिनों में यह अ​धिक हैं। 96 प्रतिशत ने कहा कि उनके आस-पास टूटी सड़कों के कारण उन्हें इन पर सफर करना ही पड़ता है।

सड़क बदली तो दूर हो गई समस्या

मेरे पास एक ऐसी महिला आई, जो दुपहिया वाहन पर रोजाना 8 किलोमीटर ऑफिस जाती है। उसे पहले से सरवाइकल की समस्या थी। उसकी समस्या अचानक बढ़ने लगी। पूछताछ में पता चला कि वह जिस रास्ते से जाती थी वह कई जगह से टूटी हुई है। उसको रास्ता बदलने के लिए कहा तो कछ ही दिनों में उसकी समस्या दूर होने लगी। दरअसल, वाहन चलाते समय टूटी सड़कों के कारण झटके लगने पर सरवाइकल पेन और ​स्लिप डिस्क वाली समस्या बढ़ती है। पहले से समस्या है तो दर्द बढ़ जाता है। यह मेडिकल की टेक्सट बुक में भी है।

डॉ.आशीष शर्मा, ऑर्थोपेडिक सर्जन

तनाव और अनिद्रा की समस्या भी

यातायात जाम का सामना करने, खराब सड़क और मौसम के कारण कहीं फंस जाने पर तनाव का स्तर स्वत: ही बढ़ जाता है। टूटी सड़क के कारण किसी की दुर्घटना का समाचार भी असुरक्षा का भाव उत्पन्न करता है। हमारे पास लोग तनाव की ​शिकायतें लेकर आते हैं। उनसे बारीकी से पूछने पर इस तरह के कारणों का अंदाजा लगाया जाता है।  इससे अनिद्रा की समस्या भी बढ़ती है।

डॉ.अनिल तांबी, मनोरोग विशेषज्ञ

पत्रिका सर्वे के नतीजे (टूटी और उबड़खाबड़सड़कों से स्वास्थ्य पर असर पर सवाल)

टूटी सड़क से आपको किस तरह की स्वास्थ्य समस्याएं ?

जोड़ों और कमर का दर्द : 26.4

स्पोंडलाइटिस, सरवाइकल, जोड़ों व कमर दर्द  : 68.1

इन पर सफर से मानसिक तनाव रहता है ?

हां : 85

आदत हो गई : 14

नहीं : 01

आपके आस-पास टूटी सड़कें हैं ?

हां : 96.2

नहीं : 3.8

सफर करने में अ​धिक समय लगता है ?

हां : 99.1

नहीं .09

वाहनों पर असर पड़ता है ?

वाहन जल्दी खराब होते हैं : 66.7

मेंटिनेंस महंगी पड़ती है : 33.9

टूटी सड़कों से किस पर सर्वा​​धिक असर पड़ता है ?

गर्भवती महिलाओं, बच्चों व बुजुर्ग लोगों पर : 87.6

अन्य पर : 12.2

आपकी पहले से चल रही जोड़ों की या अन्य समस्या बढ़ गई ?

हां : 53.5

अत्य​धिक जटिल व गंभीर हो गई : 16.5

इतनी बढ़ गई कि डॉक्टर ने सफर से ही मना कर दिया : 26.5

नहीं : 3.5

गर्दन की चोट में भी 30 प्रतिशत तक की बढ़ोत्तरी

बाइक या स्कूटर पर सवार लोगों के लिए सिर और गर्दन की चोटें आम बात हैं। बिना हेलमेट के गड्ढों वाली सड़कों पर गाड़ी चलाने से गंभीर चोटों के मामले भी हैं। राजस्थान में सड़क दुर्घटनाओं के आंकडों के अनुसार टूटी सड़कों के कारण सिर और गर्दन की चोटों में 25 से 30 प्रतिशत तक की बढ़ोत्तरी होती है।

महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों को भी परेशानी

- गर्भवती महिलाएँ, टूटी सड़कों के कारण अधिक प्रभावित होती हैं। उन्हें यात्रा के दौरान कमर और पेट में दर्द की शिकायत होती है। अ​धिक परेशानी पर गर्भपात का खतरा रहता है

- वरिष्ठ नागरिकों के लिए टूटी सड़कें चलने-फिरने में कठिनाई पैदा करती हैं, जिससे वे घर के बाहर कम जाते हैं और सामाजिक गतिविधियों में कमी आती है।