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खगोलशास्त्र के अध्ययन की दिशा में बीएचयू का बड़ा कदम, करोड़ों की लागत से बनेगी वैदिक विज्ञान प्रयोगशाला

इस प्रयोगशाला भवन के निर्माण के लिए 9.34 करोड़ रुपये की धनराशि भी स्वीकृत हो चुकी है।

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Vaidik Tourism in UP Sybolic Photo

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वाराणसी. बीएचयू में वैदिक विज्ञान केंद्र के नज़दीक एक भव्य वैदिक विज्ञान प्रयोगशाला का निर्माण कराया जाएगा। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय की यह अपनी तरह की पहली प्रयोगशाला होगी जहां एस्ट्रोनॉमी और एस्ट्रोफिजिक्स के प्रयोग की सुविधा होगी और तारामंडल संबंधी अध्ययन भी होंगे। खगोलशास्त्र के अध्ययन की दिशा में यह बीएचयू का महत्वपूर्ण कदम होगा। इस प्रयोगशाला भवन के निर्माण के लिए 9.34 करोड़ रुपये की धनराशि भी स्वीकृत हो चुकी है।

यह प्रयोगशाला चार मंज़िली होगी और इसके हर तल पर वैदिक विज्ञान से जुड़े प्रयोगों और अध्ययन किए जाने की सुविधा होगी। यहां ग्रहों और नक्षत्रों का अध्ययन भी वैदिक विज्ञान की तर्ज़ पर होगा। प्रयोगशाला में अत्याधुनिक टेलीस्कोप स्थापित होगा, जिससे यहां तारों और पिंडों का अध्ययन भी किए जाने की सुविधा होगी। एमआरआई की सुविधा से युक्त वैदिक न्यूरोलैब होगा। प्रयोगशाला अपने आप में काफी अलग होगी। इसमें एक संग्रहालय बनेगा, इसमें वैदिक काल के मापन यंत्रों को अनुकृति देखने को मिलेगी।

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के वैदिक विज्ञान केंद्र के को ऑर्डिनेटर डॉक्टर उपेंद्र त्रिपाठी ने बताया है कि बीएचयू में बनने वाली वैदिक विज्ञान प्रयोगशाला का तारामंडल वैदिक ज्योतिष और बीजगणित के सिद्धांतों पर अधारित अध्ययन के लिये महत्वपूर्ण होगा। भारतीय संस्कृति और ज्ञान विज्ञान के प्रसार में सहायक होगा।