
Wild pigs create havoc in the fields, farmers are worried
मेहनत से बोई गई मक्का की फसल कटाई से पहले ही जंगली सुअरों के भेंट चढ़ रही है। सुवाणा तहसील के कई गांवों में सुअर दिन व रात खेतों में घुसकर मक्का की फसल को बीच से तोड़कर रस चूसकर बर्बाद कर रहे हैं। किसान फसल बचाने के लिए तारबंदी, रातभर खेतों में डेरा डालना, डंडे और पटाखों से डराने जैसे हरसंभव प्रयास कर रहे हैं, लेकिन सफलता नहीं मिल रही।
तारबंदी भी बेअसर, मिट्टी खोदकर घुस रहे सुअर
किसानों ने खेतों की सुरक्षा के लिए कांटेदार तार और झाड़ियां लगाकर तारबंदी की, लेकिन जंगली सुअर जमीन खोदकर खेतों में घुस जाते हैं। कुछ जगह तो खेतों की मेड़ें तक उखड़ चुकी हैं। किसानों का कहना है कि इन जानवरों की संख्या इतनी ज्यादा हो गई है कि इन्हें रोकना नामुमकिन सा हो गया है।
मौसम की मार के बाद नई आफत
पिछले दो महीने से कभी तेज बारिश, कभी सूखे ने किसानों की चिंता बढ़ा रखी थी। अब जब मक्का की बालियां आने को हैं तो जंगली सुअरों ने खेतों में आकर उन्हें नष्ट करना शुरू कर दिया। किसानों का कहना है कि प्राकृतिक आपदा और अब यह जंगली संकट उनकी मेहनत को चौपट कर रहा है।
मेहनत हो रही है बर्बाद
सुवाणा के किसान सुरेन्द्र जाट का कहना है कि हम रोज रात को खेतों में रहते हैं। डंडे, पटाखे सब इस्तेमाल कर चुके, लेकिन सुअर बिना डरे फसल उजाड़ जाते हैं। हमारी छह बीघा मक्का आधी से ज्यादा बर्बाद हो चुकी है। इसी तरह किसान शंकरलाल ने बताया कि तारबंदी पर हजारों रुपए खर्च किए, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। अब सरकार ही कोई समाधान करे।
गांव-गांव में दहशत
सुवाणा क्षेत्र के एक दर्जन से अधिक गांवों में किसान एक जैसी समस्या से जूझ रहे हैं। किसानों का कहना है कि रात होते ही झुंड के झुंड जंगली सुअर खेतों में घुस जाते हैं। ग्रामीणों में इतनी दहशत है कि महिलाएं और बच्चे रात के समय खेतों की ओर जाने से डरते हैं। किसानों ने वन विभाग और प्रशासन से इस समस्या के स्थायी समाधान की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि शीघ्र ही कार्रवाई नहीं हुई तो अगले सीजन की फसल बोना भी मुश्किल हो जाएगा।
वन विभाग का मामला
पहले रोजड़ों की समस्या थी तो खेतों में तारबंदी कराई, लेकिन अब जंगली सुअर जमीन खोदकर खेत में घुस रहे हैं। फसल भी नष्ट हो रही है। इसकी शिकायतें मिल रही हैं। इसे लेकर वन विभाग को सूचना दी है। जगंली सुअर वन विभाग में आते हैं।
वीके जैन, संयुक्त निदेशक कृषि विभाग भीलवाड़ा
सुवाणा की स्थिति
Published on:
20 Aug 2025 09:14 am
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