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अधिशासी अभियंता का आदेश उपखंड अधिकारी के लिए रद्दी, सरकारी खजाने को चोट – भर रहे जेब अपनी

उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड में बिना रिश्वत के काम नहीं होता है और इस वक्त मिलने के बाद बिना कानूनी कार्रवाई के ही काम हो जाता है पूरा, अधिकारियों के आदेश भी रद्दी की टोकरी में

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उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड

अधिशासी अभियंता का आदेश उपखंड अधिकारी के लिए रद्दी, सरकारी खजाने को चोट - भर रहे जेब अपनी

उन्नाव. अधिशासी अभियंता आरके कृष्णानी का आदेश उनके अधीनस्थ नहीं मानते हैं। जिसके कारण भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिल रहा है। कानूनी प्रक्रिया पूरी किए बिना ही बड़े से बड़ा कार्य हो जाता है और सरकारी मशीनरी में कार्यरत उच्चाधिकारियों को पता ही नहीं चलता है। इसी प्रकार का एक प्रकरण सामने आया है। जिसमें विगत 17 मई 2018 को अधिशासी अभियंता आरके कृष्णानी द्वारा दिया गया आदेश अधीनस्थ अधिकारी नहीं मान रहे हैं।

अधिशासी अधिकारी का आदेश उपखंड अधिकारी ने नहीं माना

अपने आदेश में आरके कृष्णानी ने कहा था कि 11kv पोषक आवास विकास अंदर अंतर्गत विद्युत वितरण उपखंड प्रथम में कार्यरत राधे श्याम सोनकर का स्थानांतरण विद्युत वितरण उपखंड द्वितीय 33 / 11 केवी विद्युत उपकेंद्र सिटी पावर हाउस में किया जा रहा है। लेकिन लगभग 7 महीना बीत जाने के बाद भी आदेश का अनुपालन नहीं हुआ और राधेश्याम शंकर ज्यों का त्यों विद्युत वितरण खंड प्रथम कार्य कर रहा है। जबकि अधिशासी ने आदेश दिया था कि आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। उक्त कर्मी को स्थानांतरण यात्रा भत्ता और पदभार ग्रहण काल दे नहीं होगा। जिसकी सूचना उन्होंने उपखंड अधिकारी विद्युत वितरण खंड प्रथम को दिया था। जिसमें उन्होंने कहा था कि राधे श्याम सोनकर को तत्काल कार्यमुक्त कर अधोहस्ताक्षरी को अवगत कराया जाए। लेकिन उपखंड अधिकारी ने राधेश्याम सुनकर को कार्यमुक्त नहीं किया।

सरकारी खजाने पर चोट भरे अपनी जेब

इधर आवास विकास के सी ब्लॉक में लाइनमैन की भ्रष्ट कार्यप्रणाली सामने आई ।जहां उच्चाधिकारियों के आदेश के बिना ही खंबे को शिफ्ट कर दिया गया। बताया जाता है उक्त कार्य में लाइनमैन व संबंधित अधिकारियों ने हजारों रुपए वारे न्यारे कर लिए। जिसकी फीस भी विभाग में जमा नहीं की गई। जो जांच का विषय है उसके बाद ही दूध का दूध पानी का पानी होगा।