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प्रदेश में जीवनदायिनी एंबुलेंस सेवा 108, 102, एएलएस की सेवा बंद करने की सूचना पर भड़के चालक

- एंबुलेंस चालक को पहले कोरोना योद्धा का दर्जा दिया, अब निकाले जा रहे नौकरी से - जीवीके कंपनी ने आगामी 16 अक्टूबर से बंद करने का दिया नोटिस

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प्रदेश में जीवनदायिनी एंबुलेंस सेवा 108, 102, एएलएस की सेवा बंद करने की सूचना पर भड़के चालक

प्रदेश में जीवनदायिनी एंबुलेंस सेवा 108, 102, एएलएस की सेवा बंद करने की सूचना पर भड़के चालक

उन्नाव. जीवीके कंपनी ने जीवनदायिनी एंबुलेंस सेवा के चालकों को नौकरी से हटाने का निर्णय लिया है। इस संबंध में उन्होंने सभी एंबुलेंस चालकों को नोटिस भेजकर आगामी 16 अक्टूबर से सेवाएं बंद करने की जानकारी दी है। एंबुलेंस चालकों में जीवीके कंपनी से नोटिस मिलने के बाद आक्रोश व्याप्त है। उन्होंने कहा कि एक तरफ कंपनी लगातार उनसे वार्ता कर रही है। दूसरी तरफ 102, 108, एडवांस लाइफ सपोर्ट सिस्टम को बंद करने का कुचक्र रच रही है। जबकि कोरोना कॉल में उन लोगों को कोरोना योद्धा मानते हुए सम्मानित किया गया था। डीएम और सीएमओ को दिए ज्ञापन में जीवनदायिनी 102, 108, एएलएस कर्मचारी संघ ने अपनी मांगों को रखते हुए कहा है कि एंबुलेंस चालकों को एनएचएम में समायोजित कर दिया जाए।

डीएम और सीएमओ को दिया ज्ञापन

जीवनदायिनी 102, 108, एएलएस कर्मचारी संघ के जिला अध्यक्ष विवेक कुमार ने बताया कि जीवीके कंपनी द्वारा उन लोगों को नोटिस भेजा गया है कि आगामी 16 अक्टूबर से एंबुलेंस सेवा बंद कर दी जाएगी। जबकि वह लोग 2013 से लगातार जीवनदायिनी एंबुलेंस सेवा के चालक के रूप में काम कर रहे हैं। इस बीच कंपनी उनसे 8 घंटे की जगह 12 घंटे काम ले रही है और ओवरटाइम भी नहीं देती है। यहां तक कि उन्हें न्यूनतम वेतनमान भी नहीं दिया जाता है। उन्होंने कहा कि विगत 10 सितंबर से उन लोगों की हड़ताल होने वाली थी। जिसे देखते हुए शासन ने एंबुलेंस चालक संघ और कंपनी के बीच बैठक करके जांच कमेटी का गठन किया था और आश्वासन दिया था कि जांच कमेटी की सिफारिश पर एंबुलेंस चालकों की समस्याओं का समाधान होगा। लेकिन अब उन्हें नौकरी से ही हटाने का नोटिस दे दिया गया। जिलाधिकारी को दिए ज्ञापन में एंबुलेंस चालक ने कहा है कि उन लोगों को एनएचएम में समायोजित कर राहत प्रदान की जाए।