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उन्नाव: मोदी सरकार के दुर्घटना संबंधी नए कानून से ड्राइवर में दहशत

मोदी सरकार ने सड़क दुर्घटना को लेकर कड़े कानून बनाए हैं। जिसको लेकर ड्राइवर में दहशत है। उनका मानना है कि गाड़ी चलाना छोड़ देना ही बेहतर है।

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उन्नाव: मोदी सरकार के दुर्घटना संबंधी नए कानून से ड्राइवर में दहशत

उन्नाव: मोदी सरकार के दुर्घटना संबंधी नए कानून से ड्राइवर में दहशत

उत्तर प्रदेश के उन्नाव में वाहन संबंधी नियमों में आए बदलाव को लेकर चालकों में आक्रोश है।‌ ड्राइवर का कहना है कि कोई भी चालाक जानबूझकर दुर्घटना नहीं करता है। दुर्घटना के बाद यदि वह मौके पर से भाग नहीं जाता है तो भीड़ उसे पीट कर मार देगी। यदि मौके से भागता है तो कानून उसे कहीं का नहीं छोड़ेगा। ऐसे में ड्राइवरी छोड़ देना ही बेहतर है। आगामी 1 जनवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जान की भी चर्चा है। अभी इस संबंध में कोई भी कुछ बोलने को तैयार नहीं है। प्राइवेट बसों के साथ रोडवेज बस चालकों में भी आक्रोश है।

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मोदी सरकार के नए कानून से वाहन चालकों में दहशत है और वह नौकरी छोड़ने का मन बना रहे हैं। इस संबंध में बातचीत करने पर उन्नाव मौरावां रोड पर चलने वाले ड्राइवरों ने बताया कि दुर्घटना में मौत होने पर नए कानून में कड़े प्रावधान किये गये है। ‌ हिट एंड रन मामले में 10 साल की सजा और 7 लाख रुपए का जुर्माना है। राजेश सिंह ने बताया कि वह किस प्रकार अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं, उन्हें ही मालूम है। यदि उनके पास इतनी बड़ी रकम होती तो ड्राइवरी क्यों करेंगे?

नहीं भागेंगे तो भीड़ मार देगी

श्यामलाल का कहना है कि यदि वह एक्सीडेंट के बाद मौके से भाग न जाए तो उन्हें भीड़ मार देगी और गाड़ी को भी जला देगी। यदि भागते हैं तो कानून उन्हें सजा दे रहा है। ऐसे में ड्राइवरी छोड़ देना ही अच्छा है। ‌मुख्यालय से पुरवा, मौरावां, सफीपुर, बांगरमऊ, हरदोई, संडीला आदि मार्गों पर सैकड़ो की संख्या में प्राइवेट बस चलते हैं। जिनसे हजारों यात्री यात्रा करते हैं। पुरवा, मौरावां के साथ बीघापुर, लालगंज, रायबरेली, लखनऊ, कानपुर, दिल्ली, बांगरमऊ, हसनगंज तक जाती है।

निगम की बसों के ड्राइवर भी परेशान

उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के ड्राइवर में भी दहशत है। नए कानून में दिए गए सजा से परेशान है उनका कहना है ड्राइवर चारों तरफ से मर जाता है। लेकिन कोई भी चालक मुंह खोलने को तैयार नहीं है। फिलहाल असमंजस की स्थिति बरकरार है। ड्राइवर ने केंद्र सरकार से कानून में संशोधन की मांग की है। जिससे कि ड्राइवर का हित सुरक्षित रहे।