
नवरात्र व्रत - आयुर्वेद चिकित्सक डॉ राजेश कुमार दीक्षित ने बताया क्या खाएं? क्या ना खाएं?
पत्रिका न्यूज़ नेटवर्क
उन्नाव. नवरात्रि के व्रत का भारतीय संस्कृत में विशेष महत्व है। नौ दिन तक चलने वाला यह त्यौहार वर्ष में दो बार मौसम के परिवर्तन के साथ आता है। पंडित उमा शंकर दीक्षित जिला चिकित्सालय पुरुष विभाग में कार्यरत आयुर्वेद चिकित्सक डॉ. राजेश कुमार दीक्षित ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद में सात्विक आहार को स्वच्छ एवं शुभ माना जाता है। जो व्रत में सेहत के लिए बेहद फायदेमंद है।
राजसिक एवं तामसिक भोजन हानिकारक
उन्होंने कहा राजसिक एवं तामसिक भोजन सेहत के लिए अच्छा नहीं जाना जाता है। क्योंकि इससे शरीर में भारीपन बना रहता है। इसलिए लहसुन एवं प्याज भी वर्जित है। 9 दिनों तक व्रत रखने से शरीर में विषाक्त पदार्थ बाहर निकलते हैं। उन्होंने कहा व्रत में मन, काम, आहार एवं आत्मा पर नियंत्रण रखना चाहिए। उपवास में नियमित दिनचर्या में सुधार आना चाहिए।
क्या खाए पिए
डॉ राजेश कुमार दीक्षित ने कहा आलू एवं अरबी को उबालकर सेंधा नमक के साथ खाना चाहिए। मखाना को देसी घी में तलकर या दूध में डालकर खीर के रूप में सेवन करें। हाई फाइबर डायट ले। जिससे कब्ज की शिकायत ना हो। नारियल का पानी पिए। खीरे या लौकी का रायता ले। दूध से बने पदार्थों का सेवन करें। ताजा फल सेवन करें। सूखे मेवा में अखरोट, बादाम, काजू, पिस्ता, खजूर, छुहारा का सेवन करें। शकरकंद या साबूदाना की खीर खाए। सिंघाड़े के आटे की पूड़ी का सेवन करें। ग्रीन टी पीये।
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क्या ना खाएं
मांसाहार, मद्यपान बिल्कुल ना करें। गेहूं, मक्का, बाजरा का सेवन नहीं करना चाहिए। हल्दी स्वाद में कड़वी होती है और शरीर में गर्माहट पैदा करती है। चुकी नवरात्रि के समय मौसम हल्का गर्म होता है। इस व्रत के दौरान हल्दी का सेवन करने से शरीर में बेचैनी हो सकती है। इसलिए परहेज करें। अगर आप गंभीर बीमारी से ग्रसित हैं तो चिकित्सक से के परामर्श से ही व्रत करें।
Published on:
07 Oct 2021 12:38 pm
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