उन्नाव. उत्तर प्रदेश कौशल विकास केंद्र में प्लास्टिक के फिंगरप्रिंट मिलने से छात्रों में हड़कंप मच गया था। सूचना पाकर मौके पर पहुंचे सदर कोतवाली पुलिस ने जांच पड़ताल शुरू की। मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्य विकास अधिकारी दिव्यांशु पटेल ने जांच के लिए टीम का गठन किया है। इस संबंध में बातचीत करने पर दिव्यांशु पटेल ने कहा कि शासन की मंशा है कि कौशल विकास केंद्र के प्रशिक्षण में छात्रों की वास्तविक संख्या आनी चाहिए। इस संबंध में कई बार कौशल विकास केंद्र से जुड़े अधिकारियों को निर्देश दिया गया है। नकली फिंगरप्रिंट का मामला जानकारी में आया है। इसके लिए कौशल विकास केंद्र के अधिकारियों के नेतृत्व में जांच टीम बनाई गई है। जांच बैठाने के बाद संबंधित के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि यह एक गंभीर मामला है। इससे जहां एक तरफ वास्तविक संख्या नहीं आ पा रही है। वहीं दूसरी तरफ सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी या खतरनाक है।