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आपका आधार नंबर अगर जान गए ये साइबर अपराधी, बैंक अकाउंट का बैलेंस हो जाएगा जीरो

आधार कार्ड नंबर ऑनलाइन ट्रांजैक्शन करने की चाभी...

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Police arrested cyber criminal in Unnao

आपका आधार नंबर अगर जान गए ये साइबर अपराधी, बैंक अकाउंट का बैलेंस हो जाएगा जीरो

उन्नाव. प्रधान जी मैं आपके गांव में ग्रामीणों का निशुल्क पैन कार्ड बनाने आ रहा हूं। आप ग्रामीणों से 2 फोटो आधार कार्ड के साथ कैंप में आने के लिए कहें। प्रधान से किए गए वादे के मुताबिक युवक कैंप में पहुंचा। ग्रामीणों की बड़ी संख्या में भीड़ इकट्ठा थी। लाइन से एक-एक कर ग्रामीण को आगे बुलाया, पैन कार्ड का फार्म भरवाया, ग्रामीण से सिग्नेचर करवाया। इसके बाद आधार कार्ड नंबर FINGPAY नामक ऐप पर इंट्री किया, ग्रामीण से फिंगर प्रिंट डिवाइस पर अंगूठा लगवाया। अंगूठा लगवाते ही आधार कार्ड से जुड़े सभी बैंक अकाउंट ऐप से जुड़ गए और ऑनलाइन ट्रांजैक्शन पूरा हो गया। मुफ्त में पैन कार्ड बनवाने आए ग्रामीण को जब इस बात की जानकारी मिली तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई।

एसओजी और साइबर सेल को मिली बड़ी सफलता

साइबर क्राइम के अपराधी की खोज में लगे एसओजी और साइबर सेल को बड़ी सफलता हाथ लगी। जब उन्होंने साइबर क्राइम के दो अपराधियों को गिरफ्तार कर उपरोक्त मामले का खुलासा किया। साइबर क्राइम के पकड़े गए अपराधी उन्नाव सहित हमीरपुर, बांदा, फतेहपुर आदित्य क्षेत्र का चुनाव करके ग्रामीणों को ठगने का काम किया है। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि अब तक 128 ट्रांजैक्शन बैंकों के माध्यम से साइबर क्राइम के अपराधियों ने किया है। उन्होंने कहा कि आगे भी पूछताछ की जा रही है।

कानपुर के नौबस्ता का रहने वाला सूरज सिंह

पुलिस अधीक्षक हरीश कुमार ने बताया कि सूरज सिंह पुत्र स्वर्गीय कुंवर बहादुर सिंह निवासी योगेंद्र बिहार थाना नौबस्ता कानपुर साइबर क्राइम की दुनिया का शातिर अपराधी है। जिसने सबसे पहले फेक आईडी के माध्यम से अमित तिवारी के नाम सिम नंबर 73808 01797 खरीदा। जिसके माध्यम से इंटरनेट पर सर्च करके अमित तिवारी के नाम से फर्जी आधार कार्ड बनाकर महिंद्रा कोटक बैंक की गोविंद नगर कानपुर शाखा में ऑनलाइन खाता खुलवा लिया। जिस का पासवर्ड उसने अंत में 0786 रखा और पता लखीमपुर खीरी का दिखाया। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि उपरोक्त सारे कार्य सूरज सिंह ने सोची समझी रणनीति के तहत किया था। जिससे कोई भी उस तक ना पहुंच सके।

ऑनलाइन का किया इस्तेमाल

पुलिस अधीक्षक के अनुसार सूरज सिंह ने इसके बाद FINGPAY नामक ऐप जो आधार इनेबल पेमेंट सिस्टम है को अपने मोबाइल पर डाउनलोड किया। इसके साथ ही उसने मोबाइल से मारफो फिंगर प्रिंट डिवाइस ऑनलाइन खरीदा। सूरज सिंह का शातिर दिमाग यही नहीं रुका। उसने इलेक्शन कमिशन की साइट पर जाकर ग्राम प्रधानों की सूची की प्रिंट निकाली। जिसमें उनके नाम और मोबाइल नंबर अंकित थे।

फर्जी आईडी का किया उपयोग

पुलिस अधीक्षक ने बताया कि सूरज सिंह ने इसके बाद एक और फर्जी ID से राकेश के नाम से जियो का सिम लिया। जिसके माध्यम से वह ग्राम प्रधानों से बात करता था। उन्होंने बताया कि बांगरमऊ ग्राम प्रधान से सूरज सिंह ने कहा कि वह NSDL का अधिकारी है और भारत सरकार की ओर से ग्रामीणों को निशुल्क पैन कार्ड बनाने की योजना है। जिसके अंतर्गत गांव में कैंप लगाना है। उसने ग्राम प्रधान से गांव में डुग्गी या मुनादी कराने को कहा कि गांव में निशुल्क पैन कार्ड बनाया जाएगा। निशुल्क पैन कार्ड बनाने की जानकारी मिलते निश्चित तिथि पर बड़ी संख्या में ग्रामीण इकट्ठा हो गए। जहां सूरज सिंह ने ग्रामीणों को बुलाकर विश्वास दिलाने के उद्देश्य और दिखावे के लिए पैन कार्ड का फार्म भरवाया और सारी फॉर्मेलिटी पूरी की।


मुफ्त में पैन कार्ड बनाने का देते थे लालच

इसके बाद सूरज सिंह का असली खेल शुरू हुआ और उसने आधार कार्ड नंबर आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम में डाला और मारफो फिंगर प्रिंट डिवाइस में ग्रामीण से अंगूठा लगवाया। ग्रामीण द्वारा अंगूठा लगाते ग्रामीण के सारे अकाउंट जुड़ते चले गए और सामने वाले को देख कर सूरज सिंह 10000 से कम अमाउंट भर देता था और ऑनलाइन ट्रांजैक्शन अपने खाते में कर लेता था। कभी कभी उसने टुकड़ों में कई बार छोटी छोटी रकम का ट्रांजैक्शन किया। क्योंकि एक दिन में उपयोग की कोई सीमा निर्धारित नहीं थी। उसके इस खेल में उसका साथी अभिनव शर्मा पुत्र ओम नारायण शर्मा निवासी गुंजन विहार कॉलोनी थाना बर्रा कानपुर नगर भी शामिल है। सूरज सिंह ने भारत सरकार द्वारा दी गई कैशलेस व्यवस्था की खामियों का भरपूर उपयोग किया और लाखों रुपए का ट्रांजैक्शन कर के ग्रामीणों को बड़े पैमाने पर चूना लगाया। उसका यह खेल हमीरपुर, बांदा, उन्नाव सहित कई अन्य जिलों में भी चला।


सूरज सिंह को डाटा फीडिंग में देश में मिला था तीसरा स्थान

पकड़ा गया साइबर क्राइम का अपराधी सूरज सिंह उर्फ अमित तिवारी उर्फ राकेश बीकॉम थर्ड ईयर का छात्र है। इसके पहले उसने SS इंटरनेट कैफे कानपुर के नौबस्ता में खोला। प्रधानमंत्री आवास के लिए भी उसने बड़े स्तर पर काम किया। डाटा फीडिंग के मामले में देश में सूरज सिंह को तीसरा स्थान मिला था। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि सूरज सिंह हार्डवेयर का 6 महीने का कोर्स भी किया है। साथ में अन्य कई कोर्स भी उसने किए हैं। इसके पूर्व उसने मुंबई के होटल में वेटर का भी काम कर चुका है। पुलिस अधीक्षक के साइबर क्राइम के सनसनीखेज खुलासा से यह बात साफ हो गई कि आधार कार्ड उसका नंबर को काफी सुरक्षित रखने की आवश्यकता है वरना कोई भी साइबर क्राइम का व्यक्ति आपके बैंक अकाउंट का बैलेंस शून्य कर सकता है।