आजादी
की लड़ाई में अंग्रेजों के छक्के उड़ाने वाले राजा राव राम बक्श सिंह ने 1857 में हुयी क्रांति के दौरान अंग्रेजों से जमकर लोहा लिया। उन्होंने
अंग्रेजी हुकूमत की जुल्मों शितम के खिलाफ क्षेत्र के शुरमाओं को एकत्र किया। उनका जन्म बैसवारा क्षे़त्र के डौड़िया खेड़ा में हुआ था। जब उन्होंने
राज पाठ सॅभाला था। उस समय अंगे्रज शासक अपने राज्य का विस्तार कर रहे थे।
ऐसे में राजा राव राम बक्श सिंह ने अंग्रेजों से जमकर लोहा लिया। लखनऊ,
उन्नाव, रायबरेली, कानपुर के हजारों किसानों, युवाओं व मजदूरों को जोड़ कर
क्रांति की ऐसी मशाल जलाई कि अंग्रेजों के छक्के छूट गये। जिसमें कानपुर,
झांसी, लखनऊ के राजाओं ने एक साथ मिलकर अंग्रेजों के खिलाफ बिगुल फूंका था।