
गंगा तट पर स्थित मां दुर्गा की विशेषता
शारदीय नवरात्र के दूसरे दिन आज प्रतिपदा तिथि के दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा अर्चना हो रही है। गंगा के किनारे स्थित शुक्लागंज मां दुर्गा मंदिर में सुबह से ही भक्तों का तांता लगा है। लाइन में लगकर लोग माता के दर्शन कर रहे हैं। गुरु जी की भी पूजा अर्चना हो रही है। समिति के अध्यक्ष ने बताया कि मंदिर की विशेषता है कि हर पहर माता रूप बदलती है। माता के दर्शन के लिए कानपुर, लखनऊ सहित दूर-दूर से भक्तगण आते हैं। यहां पर सड़क और रेल मार्ग से पहुंचा जा सकता है।
लखनऊ कानपुर राजधानी मार्ग पर कानपुर से सटे शुक्लागंज में मां दुर्गा का भव्य दरबार है। जहां रोजाना सैकड़ो की संख्या में भक्तगण दर्शन करने के लिए आते हैं। नवरात्र के दिनों में यहां विशेष चहल-पहल होती है। श्री दुर्गा मंदिर सेवा समिति के अध्यक्ष आदित्य कुमार सिंह ने बताया कि मंदिर का इतिहास 400 साल से ज्यादा पुराना है।
मारवाड़ी समाज के लोग करते थे पूजा अर्चना
पहले यहां पर मारवाड़ी समाज के भक्ति पूजा अर्चना करते थे। यहां सोने की मूर्ति थी। जिसे 1950 में चुरा ली गई थी। 1953 में गुरु जी मदन केशव राव आमडेकर ने मंदिर का जीर्णोद्धार कराया और देवी प्रतिमा की स्थापना की गई। 1965 में बड़ी माता की स्थापना की गई। गुरुजी के सानिध्य में मां भक्तों के कष्टों का निवारण करती हैं। जैसे कोई चमत्कार हुआ हो।
कानपुर में नौकरी करते थे गुरुजी
गुरुजी मदन केशव राव आमडेकर कानपुर सिविल लाइन में सीआईजीएस में नौकरी करते थे। इस दौरान उन्होंने शुक्लागंज में किराए का मकान लेकर रहने लगे। समय के साथ गुरुजी की आस्था माता की तरफ बढ़ते चली गई और 1965 में बड़ी माता की स्थापना विधि विधान से की गई। 1973 में गुरु जी का निधन हो गया। समिति के माध्यम से मंदिर की देखरेख होती है।
पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी कर चुकी दर्शन
मंदिर में दर्शन के लिए देश के विभिन्न भागों से भक्तगण आ चुके हैं। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी चिकमगलूर चुनाव के पहले माता के दर्शन कर चुकी है। लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने भी मंदिर में दर्शन किए। सुबह से माता के दरबार में माथा टेकने ने वालों की भीड़ उमड़ने लगी। मां सभी की मनोकामनाएं पूरी करती हैं। विशाल प्रांगण में विभिन्न प्रकार के मांगलिक कार्यक्रम भी होते हैं।
कैसे पहुंचे?
लखनऊ कानपुर राजधानी मार्ग पर स्थित शुक्लागंज दुर्गा मंदिर आने के लिए सड़क और रेल मार्ग से आ सकते हैं। अपने नाम के अनुरूप राजधानी मार्ग से कानपुर और लखनऊ से जुड़ा है। आकाशीय मार्ग से भी आने की व्यवस्था है। निकटतम हवाई अड्डा कानपुर का है। स्थानीय सबसे नजदीक रेलवे स्टेशनों में गंगा घाट छमकनाली और कानपुर रेलवे स्टेशन है।
Published on:
16 Oct 2023 06:32 am
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