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तिरंगे में लिपटा सैनिक का पार्थिव शरीर गांव पहुंचा, घर में मचा कोहराम, सैनिकों ने दी अंतिम सलामी

सुलतानपुर जिले के धनपतगंज थाने के कुट्टा गांव निवासी सैनिक मनीष तिवारी की एक हादसे में जान चली गई।

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सुलतानपुर जिले के धनपतगंज थाने के कुट्टा गांव निवासी सैनिक की हादसे में जान चली गई। सैनिक का पार्थिव शरीर आज बुधवार को उसके गांव पहुंचा तो कोहराम मच गया । परिजनों का कहना है कि आज ही वह घर पर छुट्टी लेकर आने वाले थे लेकिन आज उनका घर पर पार्थिव शरीर तिरंगे में लिपटा हुआ आया है । सैनिकों ने उन्हें अतिम सलामी दी । इसके बाद गांव में उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया । पत्नी और बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया।

दरअसल कुट्टा गांव निवासी मनीष तिवारी मेरठ में तैनात थे। सेना में ड्राइवर के पद पर कार्यरत थे । सोमवार दोपहर को वह सेना का वाहन लेकर कहीं जा रहे थे कि अचानक से उन्हें गाड़ी में कुछ तकनीकी समस्या दिखाई दी । इसके बाद वह गाड़ी से नीचे उतर कर उसे चेक करने लगे इसके बाद गाड़ी अचानक से चल पड़ी और मौके पर मौत हो गई।

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पूरी विधिक कार्यवाही करने के बाद सैनिक का पार्थिव शरीर आज घर पहुंचा दिया गया । पार्थिव शरीर घर पहुंचते ही घर वालों को रो रोकर बुरा हाल हो गया है। गांव और आसपास के लोग इकट्ठा होकर सैनिक का गांव में ही अंतिम संस्कार किया गया । उनके बड़े बेटे अंबेश ने मुखाग्नि दी ।

गौरतलब है कि मृत सैनिक मनीष तिवारी के पिता त्रिभुवन तिवारी भी सेना में थे जो कैप्टन के पद से रिटायर्ड हुए हैं। मृत सैनिक तीन भाई थे। उनका बड़ा भाई संतोष भी सेना से रिटायर्ड हो चुके हैं। दूसरे भाई पवन तिवारी भी सेना में हैं। मृत सैनिक मनीष तिवारी के पत्नी शिक्षामित्र हैं और उनके दो बेटे हैं । बड़ा बेटा अंबेश 11 साल का है और छोटा अनंत 5 साल का है।

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