
Modi Oath Ceremony 3.O: देश में तीसरी बार बीजेपी अगुवाई वाली एनडीए की सरकार बनने जा रही है। नरेंद्र मोदी रविवार शाम लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। मोदी सरकार 3.0 में अमित शाह, राजनाथ सिंह समेत बीजेपी और एनडीए सहयोगी दलों के कई सांसदों ने मंत्री पद की शपथ ली। इनमें यूपी के पीलीभीत से चुने गए सांसद जितिन प्रसाद भी हैं।
केंद्रीय राजनीति में सियासत का सफर शुरू करने वाले जितिन प्रसाद यूपी की राजनीति में भी अपनी छाप छोड़ी है। हालांकि, अब वह एक बार फिर केंद्र की राजनीति में पारी शुरू की हैं। उनके परिवार की उत्तर प्रदेश के कई जिलों में गहरी पैठ है। वह लखनऊ, सीतापुर, लखीमपुर में भी अच्छा खासा प्रभाव रखते हैं।
29 नवंबर 1973 को जन्में जितिन प्रसाद का राजनीतिक सफर कांग्रेस से शुरू हुआ। उनके पिता और दादा दोनों ही कांग्रेस के कद्दावर नेता थे। जितिन प्रसाद के पिता जितेंद्र प्रसाद राजीव गांधी और पीवी नरसिम्हा राव के सलाहकार के साथ- साथ कांग्रेस के उपाध्यक्ष भी रहे। जितिन प्रसाद के दादा ज्योति प्रसाद भी कांग्रेस नेता थे और उनकी परनानी पूर्णिमा देवी रबिंद्रनाथ टैगोर के भाई हेमेंद्रनाथ टैगोर की बेटी थीं। जितिन प्रसाद के पिता को कांग्रेस का थिंक टैंक कहा जाता था।
जितिन प्रसाद ने दून स्कूल से पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से बीकॉम ऑनर्स किया और फिर दिल्ली से एमबीए किया। जितिन प्रसाद 2001 में सक्रिय राजनीति में आए और उन्होंने 2004 में कांग्रेस के टिकट पर पहली बार शाहजहांपुर से चुनाव लड़ें और जीते। 2008 में जितिन प्रसाद केंद्रीय इस्पात मंत्री बने।
साल 2009 के लोकसभा चुनाव में जितिन प्रसाद लखीमपुर की धौरहरा सीट से सांसद चुने गए। जितिन प्रसाद यूपीए सरकार के दोनों कार्यकाल में मंत्री रहे। इसके बाद 2014 का लोकसभा चुनाव जितिन प्रसाद हार गए और फिर 2017 का विधानसभा चुनाव भी हार गए। इसके बाद 2019 लोकसभा चुनाव भी वो हार गए। एक के बाद एक हार से कांग्रेस में जितिन प्रसाद का महत्व कम हो गया। इसके बाद साल 2021 में जितिन प्रसाद भाजपा में शामिल हो गए।
2022 विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा ने जितिन प्रसाद को उत्तर प्रदेश विधान परिषद भेज दिया। 2022 विधानसभा चुनाव में लगातार दूसरी बार प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनी तो कांग्रेस से आए जितिन प्रसाद को योगी सरकार में पीडब्ल्यूडी मंत्रालय दिया गया। इसके बाद 2024 लोकसभा चुनाव में पीलीभीत से भाजपा ने अपने मौजूदा सांसद वरुण गांधी की टिकट काटकर जितिन प्रसाद को दिया। जितिन प्रसाद चुनावी मैदान में उतरे और भारी मतों से सपा प्रत्याशी को हराकर जीत दर्ज की। हालांकि, जितिन प्रसाद को पीलीभीत में अपनी राजनीतिक जमीन बनाने के लिये जद्दोजहद करनी पड़ सकती है।
Updated on:
09 Jun 2024 08:40 pm
Published on:
09 Jun 2024 08:36 pm
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