
हाथरस भगदड़ हादसे को लेकर विशेष जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट शासन को सौंप दी है। 2 जुलाई को हाथरस में भोले बाबा के सत्संग में भगदड़ मचने से 121 लोगों की जान चली गई थी। बाबा के अनुयायी उन्हें परमात्मा का दर्जा देते हैं। उनके चरणों की रज को लोग प्रसाद मानते हैं। शुरुआती मामले में ये कहा गया था कि लोग बाबा के चरणों के धूल लेने की वजह से भगदड़ मची थी। इसकी वजह से ये पूरा हादसा हुआ था।
SIT के इस रिपोर्ट में 132 लोगों के बयान दर्ज हैं। इस रिपोर्ट में घटनास्थल पर तैनात पुलिस से लेकर पीड़ित परिवारों के बयान लिए गए हैं। इस रिपोर्ट में हादसे से पहले की हर छोटी से छोटी जानकारी नोट की गई है। आगरा की एडीजी अनुपमा कुलश्रेष्ठ और अलीगढ़ की डिविजनल कमिश्नर चैत्रा वी ने ये रिपोर्ट तैयार की है। समझा जा रहा है कि इसी रिपोर्ट के आधार पर कोई कार्रवाई हो सकती है।
गृह विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने रिपोर्ट मिलने की पुष्टि की है। रिपोर्ट को अभी पूरी तरह गोपनीय रखा जा रहा है। दो सदस्यीय जांच टीम ने 150 अधिकारियों, कर्मचारियों और पीड़ित परिवारों के बयान दर्ज किए हैं। मुख्यमंत्री ने सत्संग हादसे के बाद टीम गठित करते हुए 24 घंटे में रिपोर्ट देने का निर्देश दिया था। हालांकि टीम ने अपनी जांच का दायरा बढ़ाते हुए छठे दिन अपनी रिपोर्ट शासन को भेजी। टीम ने एसडीएम द्वारा डीएम को भेजी गई रिपोर्ट, आयोजकों को दी गई अनुमति और उसमें लगाई शर्तों के अनुपालन की भी जांच की। सूत्रों के अनुसार टीम ने आयोजकों को दोषी ठहराया है। टीम ने पाया कि भीड़ को संभालने के लिए पर्याप्त इंतजाम नहीं किए थे।
घटनास्थल पर तैनात एक एक पुलिस व अन्य सभी विभागों के कर्मचारी-अधिकारी, प्रारंभिक सूचना वाले कर्मी, एंबुलेंस कर्मी, डॉक्टर, पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर, किसान, चश्मदीद, घायल, तहसील व जिला स्तर के अधिकारी, डीएम-एसपी आदि के बयान लिए गए।
Published on:
09 Jul 2024 10:19 am
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