
कैबिनेट मंत्री राकेश सचान
उत्तर प्रदेश सरकार के MSME मंत्री राकेश सचान पर गंभीर आरोप लगे हैं। राकेश सचान की एक संस्था है जिसका नाम अभिनव सेवा संस्थान हैं। संस्थान के नाम 72 प्लॉट आवंटित हैं। यह सभी फतेहपुर में हैं। जिसका आवंटन 2012-13 में हुआ था।
फतेहपुर के लघु उद्योग भारती के अध्यक्ष सत्येंद्र सिंह ने एक पत्र लिखकर कानपुर के उद्योग निदेशक से शिकायत की है। उन्होंने पत्र में लिखा, “मिनी औद्योगिक आस्थान चकहता में 32 और मिनी औद्योगिक आस्थान सुधवापुर में 40 प्लॉट अलॉट किए गए हैं। यह प्लॉट मंत्री राकेश सचान के संस्था अभिनव सेवा संस्थान के नाम पर है। 10 साल बीत जाने के बाद अभी तक कोई काम नहीं हुआ है और ना ही आवंटन के लिए जरूरी 10 प्रतिशत सिक्योरिटी मनी जमा नहीं की गई है।”
मामला सामने आने के बाद राकेश सचान ने दी सफाई
योगी सरकार में मंत्री राकेश सचान ने सफाई दी है। उन्होंने कहा, “मैं इस विभाग का मंत्री हूं और अपने नाम दर्ज प्लॉटों का आवंटन रद्द करवाउंगा। साल 2012 में मेरी दो संस्थाओं को प्लॉट आवंटित हुए थे। मगर विकसित नहीं हो पाए।
जब यह प्लॉट का आवंटन हुआ था तब यहां पर कोई सुविधाएं नहीं थी। यह प्लॉट पर अभी भी खेत बने हुए हैं। इसे अन्य उद्यमियों को अलॉट कर यहां, बिजली, सड़क और पानी जैसी बेसिक सुविधाएं डेवलप की जाएंगी।
आर्म्स एक्ट में मिल चुकी है सजा
राकेश सचान के ऊपर कई मुकदमें दर्ज हैं। साल 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने हलफनामें में बताया था कि उनके ऊपर पर कुल 8 मुकदमे दर्ज हुए हैं। उन्हीं मुकदमों में से पिछले साल कोर्ट ने 31 साल पुराने मामले में सजा सुनाई थी।
अगस्त 2022 में कोर्ट ने आर्म्स एक्ट के तहत उन्हें 1 साल की जेल के साथ 1500 रूपये का जुर्माना भी लगाया गया था। हालांकि, इससे उनकी कुर्सी पर कोई दिक्कत नहीं आई थी और उन्हें आसानी से जमानत मिल गई थी। उस समय राकेश सचान पर भगाने का आरोप लगा था तब खूब बवाल हुआ था।
आर्म्स एक्ट का मामला साल 1991 का है। उस समय राकेश सचान कानपुर विश्वविद्यालय से बीएससी कर रहे थे। उसी दौरान कानपुर के नौबस्ता में नृपेंद्र सचान नाम के एक छात्र की हत्या कर दी गई। पुलिस ने राकेश सचान को उस समय एक राइफल के साथ पकड़ा था। जिसका लाइसेंस उनके पास नहीं था। ऐसे में उनके खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। जिसका फैसला पिछले साल अदालत ने सुनाया था।
सपा से कांग्रेस होते हुए बीजेपी पहुंचे राकेश सचान
1964 में जन्में राकेश सचान कानपुर के किदवई नगर के रहने वाले हैं। राकेश सचान अपनी राजनीति की शुरुआत कॉलेज से की थी। साल 1993 में समाजवादी पार्टी से जुड़े और इसी साल वह सपा के टिकट पर घाटमपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़े और पहली विधायक बने।
साल 2002 में दोबारा राकेश सचान इसी विधानसभा सीट से चुनाव लड़े और जीते। जिसका नतीजा यह रहा है कि 2009 के लोकसभा चुनाव में सपा ने उन्हें फतेहपुर सीट से उतारा और वे जीत भी दर्ज की। 2014 में एकबार फिर वें इसी सीट से सपा के टिकट पर मैदान में थे लेकिन मोदी लहर में उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
अखिलेश से नाराज होकर छोड़ी सपा
इसी बीच सपा में मुलायम सिंह यादव की पकड़ ढीली हो गई थी। सपा में सिर्फ अखिलेश यादव की चल रही थी। राकेश सचान और अखिलेश यादव के बीच किसी बात को लेकर अनबन हो गई और राकेश सचान ने सपा को छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए।
2019 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने फतेहपुर सीट से लोकसभा का टिकट दिया। राकेश चुनाव लड़े लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
2022 विधानसभा चुनाव के समय बीजेपी में हुए शामिल
राकेश सचान अब समझ गए थे कि अगर प्रदेश में राजनीति करनी है तो बीजेपी के अलावा कोई विकल्प नहीं है। लिहाजा 2022 के विधानसभा चुनाव के ऐन वक्त पहले उन्होंने कांग्रेस को छोड़कर बीजेपी में शामिल हो हुए।
विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने कानपुर की भोगनीपुर सीट से उन्हें टिकट दिया। उन्होंने चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। राकेश सचान के चुनाव जीतने के बाद बीजेपी ने उन्हें पुरस्कृत भी किया गया। सचान योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री भी बनें।
Updated on:
18 Feb 2023 06:32 pm
Published on:
18 Feb 2023 06:21 pm
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