
सरकार 1.48 करोड़ बच्चों को बेहतर पोषण देने के लिए 95 करोड़ रुपये खर्च करेगी
Yogi Government: उत्तर प्रदेश सरकार ने एक ऐसा फैसला लिया है जो बच्चों की सेहत और किसानों की आमदनी, दोनों के लिए वरदान साबित हो सकता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में, प्रदेश के 1.57 लाख परिषदीय प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले लगभग 1.48 करोड़ बच्चों के लिए हर गुरुवार को मध्यान्ह भोजन में बदलाव किया जाएगा। अब हर गुरुवार को बच्चों को बाजरे या रामदाने का लड्डू दिया जाएगा। इसके अलावा, गुड़ और तिल (तिलवा), भुना चना, मूंगफली की चिक्की और गजक जैसे पौष्टिक विकल्प भी शामिल होंगे।
इस बदलाव से जहां बच्चों को बेहतर पोषण मिलेगा, वहीं किसानों को बाजरा, मूंगफली, और चना जैसी फसलों की बढ़ती मांग से सीधा लाभ मिलेगा। इससे किसानों की आमदनी में बढ़ोतरी होगी और खेतीबाड़ी का विविधिकरण होगा।
सरकार ने जिन खाद्य पदार्थों को बच्चों के पोषण के लिए चुना है, उनमें पोषक तत्वों की भरपूर मात्रा है:
बाजरा: आयरन का उत्कृष्ट स्रोत है। प्रति 100 ग्राम बाजरे में लगभग 4-5 मिलीग्राम आयरन होता है। इसमें फाइबर और प्रोटीन की भी अच्छी मात्रा होती है।
मूंगफली: प्रोटीन का उत्कृष्ट स्रोत, जिसमें 25% प्रोटीन और 50% फैट होता है। मूंगफली में विटामिन ई, मैग्नीशियम, पोटैशियम और आयरन भी होते हैं।
चना: 19% प्रोटीन, 10% फाइबर और महत्वपूर्ण पोषक तत्वों से भरपूर। यह बच्चों की मांसपेशियों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
रामदाना: इसमें 20% प्रोटीन होता है और फाइबर, फैट, विटामिन बी6 और अन्य आवश्यक पोषक तत्व होते हैं।
इस पहल से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि बच्चों को हर सप्ताह पौष्टिक आहार मिले, जो उनकी शारीरिक और मानसिक विकास के लिए महत्वपूर्ण है।
योगी सरकार के इस फैसले का सबसे बड़ा फायदा उन किसानों को होगा जो बाजरा, मूंगफली, चना और गुड़ जैसी फसलों का उत्पादन करते हैं। जैसे ही इन अनाजों और खाद्य पदार्थों की मांग बढ़ेगी, इनकी कीमतों में भी वृद्धि होने की संभावना है।
किसानों की आय में यह वृद्धि उन्हें और अधिक मात्रा में इन फसलों को उगाने के लिए प्रेरित करेगी, जिससे प्रदेश की कृषि अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी। खासतौर पर बाजरा और मूंगफली जैसी फसलों के दाम बढ़ने से छोटे और मझोले किसानों को लाभ होगा।
पोषण विशेषज्ञों के अनुसार, भारतीय समाज में खासकर महिलाओं और बच्चों में आयरन की कमी आम बात है। अपोलो अस्पताल की वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर तृप्ति दूबे के अनुसार, आयरन की कमी से एनीमिया जैसी समस्याएं होती हैं, जो किशोर लड़कियों और गर्भवती महिलाओं में काफी देखने को मिलती हैं।
योगी सरकार ने इस समस्या का समाधान बाजरे और मूंगफली जैसे खाद्य पदार्थों को मध्यान्ह भोजन में शामिल कर के किया है। इससे बच्चों में आयरन और प्रोटीन की कमी को दूर किया जा सकेगा, जिससे उनकी शारीरिक और मानसिक विकास में मदद मिलेगी।
यह पहल न केवल बच्चों के पोषण में सुधार करेगी, बल्कि यह किसानों की आय को भी बढ़ावा देगी। सरकार द्वारा इस कार्यक्रम पर 95 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे, जिसमें केंद्र सरकार 57 करोड़ और राज्य सरकार 38 करोड़ रुपये का योगदान देगी। इस तरह का निर्णय न केवल राज्य के किसानों के लिए फायदेमंद साबित होगा, बल्कि इससे बच्चों के पोषण स्तर में भी वृद्धि होगी।
पोषण विशेषज्ञों का मानना है कि योगी सरकार का यह कदम बच्चों की पोषण स्थिति में सुधार लाने के लिए मील का पत्थर साबित होगा। साथ ही, इससे किसानों को उनकी फसलों के उचित मूल्य मिलेंगे, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।
डॉक्टरों के अनुसार, बाजरा, चना, मूंगफली जैसे अनाज और खाद्य पदार्थ न केवल प्रोटीन और आयरन के अच्छे स्रोत हैं, बल्कि यह बच्चों की सेहत को भी सकारात्मक रूप से प्रभावित करेंगे।
Published on:
19 Oct 2024 03:32 pm
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