2) लखनऊ चारबाग को ‘जे एच हॉर्निमैन’ (J H Horniman) ने डिजाइन किया था। इसके डिजाइन और योजना में एक प्रमुख भूमिका ‘चौबे मुक्ता प्रसाद’ (Choubey Mukta Prasad) की थी, जो लेनब्राउन और ह्यूलेट के परामर्श इंजीनियर थे।
3) इस रेलवे स्टेशन का स्वरुप महलनुमा लगता है| इसमें राजपूत, अवधी और मुगल वास्तुकला का मिश्रण शामिल है| यह मिश्रण ऐसा है कि स्टेशन के अंदर और बाहर ट्रेनों के चलने की आवाज बाहर नहीं सुनी जा सकती है।
4) लखनऊ चारबाग में सरकारी रेलवे पुलिस स्टेशन के पास आईएसओ 9001 प्रमाण पत्र भी है। यह प्रमाण पत्र गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली को देखता है(quality management system)
5) महात्मा गांधी और जवाहर लाल नेहरू की पहली मुलाकात 1916 में चारबाग रेलवे स्टेशन पर हुई थी|
6) यह भारत के कुछ रेलवे स्टेशनों में से एक है, जिसे ‘बाल श्रम मुक्त’ होने का टैग मिला है। स्टेशन पर 2002 से 2014 तक किए गए काम के परिणामस्वरूप, स्टेशन किसी भी विक्रेता को स्टेशन पर बाल श्रमिकों को रोजगार देने के लिए अनुमति नहीं देता है।
7) एहसास नाम के एनजीओ द्वारा लखनऊ में इस रेलवे स्टेशन पर संकट में फंसे बच्चों की सहायता के लिए 1098 नंबर की एक रेलवे चाइल्डलाइन मौजूद है, जो हर साल लगभग 800 बच्चों को बचाती है।
8) स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए अगस्त 2019 से चारबाग़ रेलवे स्टेशन पर केले की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया है| लेकिन इसके बावजूद भी स्वच्छता के लिए किये गए 700 रेलवे स्टेशनों के सर्वेक्षण में से चारबाग रेलवे स्टेशन 105 वें स्थान पर है।
9) भारतीय रेलवे ने हाल ही में चारबाग रेलवे स्टेशन पर दो ‘हेल्थ एटीएम’ लगाए हैं। ‘योलो हेल्थ एटीएम’ द्वारा प्रचारित कियोस्क 50-100 रुपये में 16 स्वास्थ्य जांच प्रदान करते हैं जिसकी रिपोर्ट उपयोगकर्ता के ईमेल या स्मार्टफोन पर तुरंत पहुंचा दी जाती है।
10) बढ़ते हुए रेल यातायात को संभालने के लिए 6000 करोड़ रुपये की लागत से चारबाग रेलवे स्टेशन को नया रूप दिया गया|