लखनऊ. यूं तो हर छात्र साल भर परीक्षा कि तैयारी के उददेश्य से ही पढाई पूरी करता है लेकिन परीक्षा के प्रति सभी छात्र शुरु से ही गंभीर रहते है ऐसा नहीं है। खेलकूद, मौजमस्ती व घूमने फिरने के चक्कर में आम तौर पर 75 प्रतिशत छात्र अपने बनाये गये टाइम टेबल का पालन नहीं करते हैं। आलस्य के कारण ये बस दीवार पर टंगी रह जाती है। ज्यादातर छात्र परीक्षा की तारीख आ जाने पर पढाई के प्रति तैयार हो जाते है व जो बच्चे प्रवेश लेने के बाद से ही गहन अध्ययन करने लगते है वहीं परीक्षा में अच्छें अंक पाते है व टॉपर होेते है।
परीक्षा की तारीख आने के बाद सिफ विषयों को दोहराने का समय होता है। 2-3 महीने में शूरू होने वाली इस परीक्षा में पूरें विषय काे समझकर दोहराने वाले छात्र ही पेपर में कुछ नया कर पाते है। कठिन उत्तरों को याद करने का सरल तरीका ये है कि उसे बार बार लिखे इससे वो चीजेें पूरी तरह मन में बस जाती है। सुबह उठकर पढना अच्छा होता है क्योंकि इस समय दिनभर की थकान दूर करके 7-8 घंटे की नींद पूरी करने के बाद जब उठता है तो वह एकदम तरोताजा महसूस करता है उसका मन मस्तिष्क साफ रहता है मन व विचारों में शुद्घता रहती है मन इधर उधर नहीं भटकता है व इस वक्त पढी गयी बात जल्दी याद हो जाती है व सुबह दिमाग पर ज्यादा जोर देने वाले विषय नहीं पढने चाहिए गणीत व जटिल विषयों को दिमागी कसरत करनी पडती है उसे सुबह सुबह नहीं पढना चाहिए इसलिए सिफ सुबह विषयों को दोेहराना चाहिए
स्पष्ट रुप से पाठयक्रम को जानें
एक अच्छें तरीके से अपने सिलेबस काे कवर करने के लिए ठीक से अपने वग सबक का पालन करें । वग सबक शायद आपके लिए विषयों का पहला परिचय कर रहें है। घर आने के बाद,विषयों अभी भी मन ताजा हो जाएगा के रुप मेेें कक्षा में पढाया जाता है जो कुछ संशोधन करती है। भ्रम की स्थिती के मामले में अगले दिन अपने शिक्षक के साथ स्पष्ट। सवालों को हलः प्रयास करें व प्रत्येक विषय के अंत में सवाल व पिछले दस साल के सवाल का समाधान। आप फंस रहे है तो आप यह अधिकतम पर अगले दिन से सुलझाया है सुनिश्चत करेें। जरूरत के रूप में शिक्षकों व वरिष्ठ नागरिकों की मदद लेें।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
लखनऊ पब्लिक स्कूल की टीचर मेघना कौल के मुताबिक, टाइम मैनेजमेंट एग्जाम्स की प्रिपरेशन के लिए बेहद जरूरी है। अगर प्रिपरेशन के वक्त प्रॉपर टाइम शिड्यूल बना लिया जाए तो कामयाबी जरूर मिलेगी। वहीं करियर काउंसलर अविनाश गुुप्ता का भी कहना है कि प्रॉपर टाइम मैनेजमेंट बेहद जरूरी है।