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विवेकानंद और मोदी में हैं ये सात समानताएं

आइए जानते हैं उन बातों को, जिनमें स्वामी विवेकानंद और नरेंद्र मोदी में खासी समानता पाई जाती है।

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Sujeet Verma

Jan 12, 2016

हरिओम द्विवेदी
लखनऊ. 12 जनवरी को स्वामी विवेकानंद जी की जयंती है। भारत में इस दिन को युवा दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। इस अवसर पर आज पत्रिका उत्तर प्रदेश आपको उनकी कुछ ऐसी खूबियों के बारे में बता रहा है, जिन्हें देश के मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हूबहू अपनाया है। तो आइए जानते हैं उन बातों को, जिनमें स्वामी विवेकानंद और नरेंद्र मोदी में खासी समानता पाई जाती है।

दोनों का नाम है नरेंद्र

नरेंद्र शब्द दोनों के नाम से जुड़ा हुआ है। पीएम मोदी का पूरा नाम
नरेन्द्र दामोदरदास मोदी है। वहीं, विवेकानंद के बचपन का नाम
नरेन्द्रनाथ दत्त था।

वाराणसी कनेक्शन
स्वामी विवेकानंद जनवरी-फरवरी 1902 में वाराणसी के दौरे पर आए थे, वहीं वाराणसी की लोकसभा सीट से चुनाव जीतकर नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बने।

योग
स्वामी विवेकानंद योग पर खासा जोर देते थे। उन्हें योगीराज भी कहा जाता है। वहीं, पीएम नरेंद्र मोदी ने उनके सपने को साकार करते हुए भारत को दुनिया का योगगुरु बना दिया। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून को मनाया जाता है। योग दिवस पहली बार 21 जून 2015 को मनाया गया।

सन्यास
स्वामी विवेकानंद ने आजीवन ब्रम्हचर्य व्रत का पालन किया। वहीं, जीवन के 16वें साल में नरेंद्र मोदी सन्यासी हो जाना चाहते थे और वह खुद परिवार का मोह त्यागकर हिमालय चले गए थे।

यात्राओं का शौक
स्वामी विवेकानंद ने अपने छोटे से जीवनकाल में कई बार विदेशों की यात्रा की। इसके अलावा उन्होंने पूरे देश में पैदल भ्रमण किया। वहीं, पीएम नरेंद्र मोदी ने पीएम बनने के एक साल के भीतर ही इतनी यात्राएं कर लीं कि पिछले सभी प्रधानमंत्रियों से ज्यादा यात्रा करने वाली शख्सियत बन गए।

भाषण शैली

शिकागो दौरे पर गए स्वामी नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत कुछ इस तरह की थी- मेरे अमेरिकी भाइयों और बहनों...। वहीं, नरेंद्र मोदी अक्सर अपने भाषणों की शुरुआत मेरे प्यारे भाइयों और बहनों... से ही करते हैं।

युवाशक्ति पर जोर
स्वामी विवेकानंद युवाशक्ति के दम पर देश के बेहतर भविष्य की बात कहते थे। वहीं, पीएम नरेंद्र मोदी भी युवाओं के बूते पर ही देश के प्रधानमंत्री बनने का गौरव हासिल किया।