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चौराहे पर गोली मारने वाले बयान के बाद बाहुबली सुशील सिंह को मोख्तार अंसारी के बेटे का जवाब

स्व. कृष्णानन्द राय की पूण्यतिथि पर मोहम्मदाबाद में सुशील सिंह ने मंच से दिया था बयान।

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Mohd Rafatuddin Faridi

Dec 03, 2016

Abbas Ansari, Mukhtar Ansari and sushil singh

Abbas Ansari, Mukhtar Ansari and sushil singh

वाराणसी. पूर्वांचल की राजनीति में बहुुबलियों की गूंज सबसे तेज सुनाई दे रही है। काफी समय से शांत पूर्वांचल में बाहुबलियों की इस गूंज से पुलिस और राजनीतिक दोनों गलियारों में आंकलन का दौर शुरू हो गया है। दरअसल बाहुबली मोख्तार अंसारी के दुश्मन नंबर वन बृजेश सिंह के भतीजे और भाजपा विधायक सुशील सिंह ने बिना नाम लिये हुए सीधा संकेत देकर मोहम्मदाबाद में मोख्तार अंसारी बंधुओं पर बयान दिया था कि इन्हें तो चैराहे पर खड़ा करके गोली मार देना चाहिये। उनका बयान सियासी रंग पकड़ता जा रहा है। उनके इस बयान के बाद राजनीतिक हलकों में कयासआराइयों का दौर शुरू हो गया। दो दिन बाद अब मोख्तार अंसारी के शूटर बड़े बेटे अब्बास अंसारी (स्पोर्ट्समैैन) ने सुशील सिंह का जवाब दिया है।







सुशील सिंह ने यह बयान गाजीपुर के उसी मोहम्मदाबाद में दिया था जहां अंसारी बंधुओं का पैतृक निवास फाटक है, जहां से सबसे बड़े भाई सिब्गतुल्लाह अंसारी विधायक है, जहां बीजेपी के पूर्व विधायक स्व. कृष्णानन्द राय की हत्या की गई थी, जिसके आरोप में बाहुबली अंसारी बंधुओं पर आज भी मुकदमा चल रहा है। पूण्यतिथि पर न सिर्फ सुशील सिंह मौजूद थे बल्कि गाजीपुर से बीजेपी सांसद और रेल राज्यमन्त्री मनोज सिन्हा भी थे जो स्व. कृष्णानन्द राय के केस की पैरवी खुद कर रहे हैं। साथ में स्व. की पत्नी अल्का राय और भतीजे अंगद राय भी मौजूद थे।




इस दौरान मनोज सिन्हा ने जहां मोहम्मदाबाद में अंसारी बंधुओं के असर को बिना नाम लिय इस्लामिक आतंकवाद से जोड़ा तो वहीं माइक संभालते ही बाहुबली सुशील सिंह उनसे भी दो हाथ आगे निकल गए। उन्होंने बिना नाम लिये अंसारी बंधुओं पर निशाना साधा और मुलायम सिंह यादव को भी निशाने पर रखा। उन्होंने तत्कालीन मुलायम सिंह यादव की सरकार पर स्व. कृष्णानन्द राय की हत्या कराने जैसे गंभीर आरोप लगाए। कहा कि सबको पता था, सरकार को भी पता था कि स्व. कृष्णानन्द राय की हत्या वाली घटना होनी थी। खुद उन्हें भी पता था कि घटना हो सकती है, बावजूद वह डरे नहीं। इसी दौरान बाहुबली मोख्तार अंसारी व उनके भाइयों को कभी बसपा तो कभी सपा में जाने को लेकर गिरगिट कहा। बोले कि ये लोग अपने फायदे के लिये कुछ भी करा सकते हैं और कहीं भी जा सकते हैं। इनको पता है कि अगली सरकार बीजेपी की बनने जा रही है और जीतना मुश्किल है, इसीलिये वह भागकर सपा में गए हैं। कहा कि मुलायम सिंह यादव अंसारी बंधुओं के परिवार को शरीफों का बड़ा परिवार कहते हैं, तो बसपा सुप्रीमो मायावती इन्हें गरीबों का मसीह कहती हैं। ऐसे लोगों को तो चैराहे पर खड़ाकर गोली मार देना चाहिये, तो भी कोई दोष नहीं होगा।


देखें सुशील सिंह का वीडियो



सुशील सिंह के इस बेहद कड़े बयान, जिसे धमकी भी कहा गया, उसका जवाब बाहुबली मोख्तार के बड़े बेटे अब्बास ने दिया। अपने बयान में अब्बास अंसारी ने कहा कि मेरे पापा को जालिम और फिरकापरस्त ताकतें 40 साल से मिटाने की नाकाम कोशिश कर रही हैं। पर लाखों-करोड़ों गरीबों और कमजोरों की दुआ और आशीर्वाद उनके साथ है। यही वजह है कि आज तक कोई भी पापा का बाल तक बांका नहीं कर सका। अब्बास ने सुशील सिंह के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि आदरणीय विधायक ने मेरे पापा को चैराहे पर खड़ा करके गोली मारने की बात कही है। जैसा की खबरों से पता चला है, तो इस पर मैं बस इतना ही कहूंगा कि ये मेर ईमान है कि जिंदगी और मौत का फैसला सिवाय अल्लाह के कोई और नहीं कर सकता। रही बात न्यायालय से मौत की सजा दिलाने की तो मेरा हिन्दुस्तान के संविधान और न्यायालय पर पूरा भरोसा है। न्यायालय का जो भी फैसला होगा वो हमें मंजूद होगा।


देखें वीडियो रेल राज्यमन्त्री मनोज सिन्हा का वीडियो


2005 में हुई थी कृष्णानन्द राय की हत्या
मोहम्मदाबाद से भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या 29 नवंबर 2005 को भांवरकोल थाने के बसनिया चट्टी के पास पुलिया पर कर दी गई थी। इस घटना में भाजपा विधायक के अलावा उनके काफिले के छह लोग भी मारे गए थे। इस प्रकरण में बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी, पूर्व सांसद अफजाल अंसारी, माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी, अताउरर्रहमान, संजीव महेश्वरी उर्फ जीवा, फिरदौस, मोहम्मदाबाद चेयर मैन एजाजुलहक व राकेश पाण्डेय उर्फ हनुमान आदि लोग आरोपित हैं। इस मामले में पूर्व सांसद अफजाल अंसारी को हाईकोर्ट से जमानत मिल चुकी है। वहीं एक दूसरा आरोपी फिदौस मुंबई में पुलिस मुठभेड़ के दौरान मारा जा चुका है। वहीं पांच लाख का इनामी अताउर्ररहमान आज भी पुलिस गिरफ्त से बाहर है और अन्य सभी आरोपी जेल में निरूद्ध है। फिलहाल पूरे मामले की जांच सीबीआई की दिल्ली कोर्ट में चल रही है। मामले की पैरवी केंदीय मंत्री और स्व.कृष्णानंद राय के करीबी मनोज सिन्हा कर रहे हैं।

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