
काशी तीर्थ
वाराणसी. काशी पूर्ण तीर्थ है। यहां द्वादश ज्योर्तिलिंग के साथ अष्ट भैरव, अष्टविनायक, अष्ट प्रधान विनायक, नव गौरी, नव दुर्गा सहित द्वादश आदित्य के अलावा कालभैरव मंदिर एवं बटुक भैरव का प्राचीनतम पौराणिक मंदिर है। काशी के प्राचीनतम् मूलस्वरूप को बनाये रखने के लिए इन अति प्राचीनतम् मंदिरो एवं तीर्थ स्थलों के धरोहरों को संजोने की जरूरत है। इसके लिए श्री काशीविश्वनाथ मंदिर को केंद्र में मानकर इन मंदिरो का पावन पथ के रूप में सर्किट विकसीत किया जाना चाहिए। अब इस दिशा में उत्तर प्रदेश सरकार ने पहल की है।
सरकार के कानून एवं खेल राज्यमंत्री डॉ नीलकंठ तिवारी ने स्थानीय प्रशासन को इस दिशा में कार्ययोजना तैयार कर कार्रवाई शुरू करने को कहा है। उन्होंने कहा है कि प्रथम फेज में इन मंदिरों के आसपास के इलाकों को अतिक्रमणमुक्त कराया जाए। इन मंदिरों से जुड़ी गलियों की मरम्मत, सीवर समस्या का समाधान, प्रकाश व्यवस्था हो। मंदिर के आसपास साफ-सफाई सुनिश्चित हो ताकि श्रंद्वालुओं को किसी भी प्रकार की समस्या न हो। उन्होंने इन सभी मंदिरो के पास डस्टविन लगाने के लिए नगर आयुक्त को निर्देशित किया।
डॉ तिवारी रविवार को पावन पथ बनाने के संबंध में मंदिरो के पुजारियो, महंतों और अधिकारियों के साथ सर्किट हाउस में बैठक की। उन्होने नगर आयुक्त को निर्देशित करते हुए कहा कि पावन पथ के संबंध में विस्तृत एवं प्रभावी कार्ययोजना बनाये। इस कार्य में धन की कमी आड़े नही आने दी जाएगी। शासन स्तर से तुरंत मुहैया कराया जाएगा। उन्होंने इन मंदिरो की मैपिंग कराते हुए रेलवे स्टेशन, रोडवेज एवं एयरपोर्ट पर साइनेज लगाने का भी निर्देश दिया, ताकि काशी आने वाले पर्यटक एवं श्रंद्वालुओं को इन पुरातन मंदिरो की जानकारी हो सके। मंत्री ने मंदिरों के आसपास मंदिर के महत्व को दर्शातें साइनेज लगाने का भी निर्देश दिया। इन प्रमुख मंदिरों के आसपास स्थित होटलो एवं रेस्टोरेन्टों से अधिक गंदगी निकलने की जानकारी मंदिर के पुजारियों द्वारा दिए जाने पर नगर आयुक्त को गंदगी फैलाने वाले इन होटलो एवं रेस्टोरेन्टो पर जुर्माना लगाने तथा इसके बावजूद सुधार न होने पर कड़ी कार्रवाई करने की सख्त हिदायत दी।
बैजनत्था मंदिर के जर्जर मुख्य द्वार को आकर्षक बनाने पर जोर देते हुए उन्होंने मंदिर के पीछे खाली पड़े भूखंड पर सामुदायिक मूत्रालय बनवाने का नगर आयुक्त को निर्देश दिया। उन्होने नगर आयुक्त को यह भी निर्देश दिया कि श्री काशी विश्वनाथ मंदिर की गलियों में 24 घंटे सफाई सुनिश्चित कराने के लिए बनायी गई सफाई कर्मियों की टीम एवं कन्ट्रोल रूम की तर्ज पर पावन पथ पर भी 24 घंटे सफाई हो। इसके लिए कंट्रोल रूम स्थापित कर सफाई कर्मी तैनात किया जाए। उन्होंने पावन पथ नाम से बेबसाइट बनाकर इन मंदिरों के महातम्य आदि के संबंध में सम्पूर्ण जानकारी मय फोटोग्राफ अपलोड किये जाने का निर्देश दिया। जिलाधिकारी एवं नगर आयुक्त को सर्किट के इन मंदिरों का दौरा करके वहा की वर्तमान स्थिति से अवगत होने का निर्देश दिया, ताकि पावन पथ के बनने वाले डीपीआर में किसी भी प्रकार की कमी न रहने पाए। मंत्री डॉ नीलकंठ तिवारी ने विशेष रूप से जोर देते हुए कहा कि वे स्वयं भी पावन पथ की यात्रा कर इन प्राचीनतम् मंदिरों की समस्याओं से अवगत होगें।
मंत्री ने मंदिरो के आसपास स्वच्छता बनाये रखने पर विशेष जोर देते हुए सफाई व्यवस्था चाक चौबन्द किये जाने के लिए नगर आयुक्त को निर्देशित किया। पर्यटन विभाग के अधिकारी को निर्देशित किया कि एक सप्ताह में काशी के इन प्राचीनतम् मंदिरों का पता, रूट चार्ट के साथ ही मंदिर के पुजारी एवं महंत के मोबाइल नंबर आदि की सूचना तैयार कर ली जाय। मंत्री ने गंगा घाटो पर लगे पत्थरो पर कतिपय लोगो द्वारा एनिमल पेंट लगाने की जानकारी पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि इससे घाटों पर लगे पत्थरो एवं धरोहरों को नुकसान हो रहा है। उन्होने एनिमल पेंट हटाने के साथ पेंट कराने वालों को चिह्नित कर उनके विरूद्व कार्रवाई का निर्देश दिया। मंत्री ने पावन पथ योजना को महत्वपूर्ण एवं ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि इससे काशी विश्व पटल पर उकरेगी और यहां आने वाले पर्यटक एवं दर्शनार्थियों को बेहततर सुविधा के साथ ही काशी के इन प्राचीनतम् मंदिरो के संबंध में सम्पूर्ण जानकारी भी प्राप्त हो सकेगी।
बैठक में ये थे शामिल
बैठक में कमिश्नर नितिन रमेश गोकर्ण, जिलाधिकारी योगेश्वर राम मिश्र, नगर आयुक्त डॉ नितिन बंसल, डॉ रत्नेश वर्मा सहित विभिन्न मंदिरों के पुजारी एवं महन्तों के अलावा मंत्री के प्रतिनिधि आलोक श्रीवास्तव प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
Published on:
03 Dec 2017 07:36 pm
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