script

जिस महाबली शासक को भूलते गये लोग, गृहमंत्री अमित शाह ने क्यों किया याद

locationवाराणसीPublished: Oct 17, 2019 03:30:46 pm

Submitted by:

Devesh Singh

बीजेपी लगातार कर रही नया इतिहास लिखने की बात, जानिए क्या है नया राजनीतिक समीकरण

Skandagupta Vikramadity

Skandagupta Vikramadity

वाराणसी. बीजेपी लगातार नया इतिहास लिखने की बात कह रही है। गुरुवार को इस बात पर गृहमंत्री अमित शाह ने भी मुहर लगा दी है। बीएचयू में आयोजित गुप्तवंश्ैक वीर स्कन्दगुप्त विक्रमादित्य पर आयेजित सेमिनार में केन्द्रीय गृहमंत्री ने कहा कि भारत का गलत इतिहास लिखने के लिए अंग्रेज इतिहासकारों व वामपंथियों को कोसना व गाली देना बंद करे। अब जरूरत है कि देश के गौरवशाली इतिहास को सत्य के आधार पर लिखे। अमित शाह के बयान से साफ जाता है कि बीजेपी अब उन महापुरूषों को सामने ला रही है जिनके साथ इतिहास समय न्याय नहीं किया गया है। इन्हीं में एक महाबली शासक स्कंदगुप्त विक्रमादित्य है जिनका पराक्रम व शौर्य की गाथा पढ़ कर लोग उन्हें सलाम करते हैं।
यह भी पढ़े:-मायावती के उमाकांत यादव को गिरफ्तार कराते ही बाहुबली रमाकांत यादव ने उठाया था यह कदम
Amit Shah
IMAGE CREDIT: Patrika
महाबली शासक स्कंदगुप्त विक्रमादित्य की कहानी बेहद दिलचस्प है। भारत में तीसरी से पांचवी सदी तक शासन करने वाले गुप्त राजवंश के आठवे राजा स्कंदगुप्त थे। इतिहास के अनुसार स्कंदगुप्त ने जितने वर्षो तक शासन किया था उतने साल तक युद्ध भी लड़ा था। बचपन से ही स्कंदगुप्त बड़े योद्धा थे। स्कंदगुप्त के शासनकाल के समय हूण शासकों ने भारत पर हमला बोला था। दुनिया में हूणों का इतना आतंक था कि सभी राजा उससे डरते थे। चीन से हूणों से बचने के लिए दीवार तक बनायी थी। हूणों ने इटली, फ्रांस, रोम से लेकर अन्य देशों में आतंक मचा कर रखा था। चीन ने दीवार बना कर खुद को तो बचा लिया था लेकिन अनेक देशों पर हमला करके हूणों ने उन्हें तबाह कर डाला था। हूण इतने बर्बर थे कि वह सबसे पहले बच्चों की हत्या करते थे और मानव मांस को भूनकर खा जाते थे जिसके चलते हूणों का इतना खौफ पैदा हो गया था कि सैनिक लडऩे से पहले ही मैदान छोड़ कर भाग जाते थे। हूणों न भारत पर हमला किया था और तक्षशिला विश्वविद्यालय कोध्वस्त कर दिया था। भारत को हूणों से हमले से बचाने के लिए सबसे पहले स्कंदगुप्त आगे आये। 25 साल की आयु में ही स्कंदगुप्त ने हूणों का डटकर मुकाबला किया और उन्हें परास्त कर भारत से खदेड़ा था। जिन हूणों के आगे दुनिया ने हार मान ली थी उसे भारत के महाबली शासक स्कंदगुप्त ने पराजित करके अपनी वीरता का लौहा मनवाया था।
यह भी पढ़े:-बाहुबली रमाकांत यादव के चलते ही अखिलेश यादव को मिला निरहुआ का साथ
स्कंदगुप्त की कहानी की झलक बाहुबली फिल्म में दिखायी देती है
स्कंदगुप्त की कहानी की झलक बाहुबली फिल्म में दिखायी देती है। स्कंदगुप्त व हूणो की बीच भयंकर संघर्ष हुआ था। शुरूआती लड़ाई में स्कंदगुप्त की सेना को पीछे हटना पड़ा था लेकिन स्कंदगुप्त ने सेना का हौसला बढ़ाया और सभी को एकजुट कर लड़ाई लड़ी। गाजीपुर के सैदपुर में ही हूणों को चक्रव्यूह बना कर ऐसा घेरा कि उनका दुश्मनों का युद्ध के मैदान से पैर ही उखड़ गया। हूण के सेनापति बरबंड अटीला से सारी दुनिया डरती थी लेकिन उसे स्कंदगुप्त ने युद्ध के मैदान में ही मार डाला था इसके बाद हूणों की सेना भाग खड़ी हुई थी। कहा जाता है कि उस समय स्कंदगुप्त नहीं होते तो देश को हूणों के आतंक से बचाना मुश्किल होता। बाद में स्कंदगुप्त की वीरता को देखते हुए उन्हें विक्रमादित्य की उपाधि दी गयी।
यह भी पढ़े:-बसपा के बाहुबली सांसद अतुल राय गये जेल तो बीजेपी नेता ने खुद को घोषित किया एमपी, मचा हड़कंप

ट्रेंडिंग वीडियो