scriptबाहुबली रमाकांत यादव के चलते ही अखिलेश यादव को मिला निरहुआ का साथ | Nirahua plan disclosed after pushpendra yadav encounter investigation | Patrika News
वाराणसी

बाहुबली रमाकांत यादव के चलते ही अखिलेश यादव को मिला निरहुआ का साथ

सीएम योगी आदित्यनाथ की बड़ी परेशानी, जानिए क्यों बदल रहा है समीकरण

वाराणसीOct 16, 2019 / 07:30 pm

Devesh Singh

Dinesh Lal Yadav

Dinesh Lal Yadav

वाराणसी. सीएम योगी आदित्यनाथ सरकार के लिए पुष्पेन्द्र यादव एनकाउंटर परेशानी का सबब बनता जा रहा है। अखिलेश यादव ने इसे बड़ा मुद्दा बना हुआ है और योगी सरकार पर पिछड़ा वर्ग की अनदेखी का आरोप लगने लगा है। प्रदेश सरकार आसानी से विपक्ष के आरोपों का जवाब दे रही है लेकिन सरकार को उस समय तगड़ा झटका लगा जब निरहुआ ने एनकाउंटर की सीबीआई जांच की मांग कर दी।
यह भी पढ़े:-बसपा के बाहुबली सांसद अतुल राय गये जेल तो बीजेपी नेता ने खुद को घोषित किया एमपी, मचा हड़कंप
अखिलेश यादव की सरकार में ही दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ को यश भारती सम्मान मिला था। सपा से निरहुआ की करीबी किसी से छिपी नहीं थी लेकिन संसदीय चुनाव 2019 में अखिलेश यादव के खिलाफ निरहुआ ने आजमगढ़ संसदीय सीट से चुनाव लडऩे का ऐलान करके सबको चौका दिया था। पीएम नरेन्द्र मोदी की लहर व अमित शाह की चुनावी रणनीति के बाद भी निरहुआ अखिलेश यादव को पटखनी नहीं दे पाये थे। अखिलेश यादव को बसपा सुप्रीमो मायावती से गठबंधन का भी लाभ मिला था। अखिलेश यादव के चुनाव में विजय पाने के लगा कि आजमगढ़ से निरहुआ दूरी बना सकते हैं लेकिन ऐसा नहीं हुआ। चुनाव हारने के बाद भी निरहुआ सक्रिय बने हुए थे। अखिलेश यादव ने अपने संसदीय क्षेत्र के सुरक्षित बनाने के लिए बाहुबली रमाकांत यादव की पार्टी में वापसी करा दी। इसके बाद निरहुआ की राजनीति और भंवर में फंस गयी है इसलिए उन्हें ऐसा बयान देना पड़ा।
यह भी पढ़े:-मऊ ब्लास्ट में सामने आया चौकाने वाला खुलासा, 13 लोगों की गयी थी जान
जानिए निरहुआ ने क्यों पुष्पेन्द्र यादव एनकाउंटर की सीबीआई जांच की मांग की
अखिलेश यादव इन दिनों सपा के परम्परागत वोटरों को सहेजने में जुटे हुए हैं। इसी कड़ी से पुष्पेन्द्र यादव एनकाउंटर को लेकर सपा के चलाये जा रहे आंदोलन को जोड़ कर देखा जा रहा है। बीजेपी ने सपा के परम्परागत यादव वोटरों में सेंधमारी के लिए ही निरहुआ को प्रत्याशी बनाया था। भोजपुरी स्टार होने के चलते निरहुआ को यादव समाज के अतिरिक्त अन्य बिरादरी में जबरदस्त क्रेज है। निरहुआ जानते हैं कि यादव समाज से जुड़े मुद्दो पर वह चुप्पी साधे रहेंगे तो बड़ा राजनीतिक नुकसान उठाना पड़ेगा। इसके चलते निरहुआ ने पार्टी के विपरित जाते हुए पुष्पेन्द्र यादव एनकाउंटर की सीबीआई जांच की मांग की है। निरहुआ जानते हैं कि वह बीजेपी के नेता है और यूपी में उनकी पार्टी की सरकार है। पुष्पेन्द्र यादव एनकाउंटर की गुंज आजमगढ़ में भी सुनायी दे रही है। ऐसे में निरहुआ ने सीबीआई जांच की मांग करते आजमगढ़ की जनता की नाराजगी दूर करने का प्रयास किया है जो अखिलेश यादव के बाद रमाकांत यादव को बड़ा नेता मानती है।
यह भी पढ़े:-जानिये करवा चौथ के दिन कैसा रहेगा मौसम का हाल, महिलाओं की बढ़ सकती परेशानी
सपा में वापसी का खुला रहेगा विकल्प
राजनीति में कोई स्थायी दोस्त व दुश्मन नहीं होता है। कभी मुलायम सिंह यादव के खास माने जाने वाले रमाकांत यादव ने उन्ही के खिलाफ चुनाव लड़ा था। बीजेपी में रहनेे के बाद रमाकांत यादव ने राहुल गांधी व प्रियंका गांधी की कांग्रेस से नाता जोड़ा था और फिर सपा में वापसी की है। ऐसे में निरहुआ भी सभी विकल्प खुला रखना चाहते हैं। निरहुआ के बयान पर सपा में खुशी की लहर है।
यह भी पढ़े:-बुलेट के नम्बर प्लेट पर लिखवाया था कि आई त लिखाई, दरोगा ने पकड़ी गाड़ी और कहा………

Home / Varanasi / बाहुबली रमाकांत यादव के चलते ही अखिलेश यादव को मिला निरहुआ का साथ

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो