
सोशल एक्टिविस्ट अमिताभ ठाकुर और बीएसपी सांसद अतुल राय
वाराणसी. उत्तर प्रदेश के घोसी लोकसभा सीट से बसपा सांसद अतुल राय को रेप के तीन साल पुराने मुकदमे से शनिवार को बरी कर दिया गया। इस संबंध में वाराणसी की MP-MLA कोर्ट के विशेष न्यायाधीश सियाराम चौरसिया की अदालत ने आज अपना फैसला सुनाया। इसकी पुष्टि सांसद अतुल राय के अधिवक्ता अनुज यादव ने की। कोर्ट का फैसला आने के बाद सोशल एक्टिविस्ट अमिताभ ठाकुर विधिक राय ले रहे हैं। उनका कहना है कि इस मामले में उन्हें जेल तक जाना पड़ा था।
सीओ भेलूपुर की आख्या के आधार पर निष्पक्ष जांच का किया था अनुरोधः अमिताभ
सोशल एक्टिविस्ट अमिताभ ठाकुर ने वीडियो जारी कर बताया है कि अतुल राय रेप केस के मामले में मैंने मात्र सीओ भेलूपुर की आख्या के आधार पर निष्पक्ष जांच का अनुरोध किया था। इसी आधार पर मेरे खिलाफ मुक़दमा दर्ज कर जेल भेज दिया गया था। अब आज कोर्ट के फैसले से यह स्पष्ट होता है कि मुझे इस मामले में फर्जी फंसाया गया था। मैं इस मामले में अग्रिम कार्रवाई के संबंध में विधिक राय ले रहा हूं।.
अब उच्च न्यायालय में दायर करेंगे अपील
उधर सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) ज्योति शंकर उपाध्याय के मुताबिक एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट के फैसले से हम संतुष्ट नहीं हैं। इस फैसले के खिलाफ अब उच्च न्यायालय में अपील दायर करेंगे।
मई 2019 में वाराणसी में दर्ज हुआ था मुकदमा
बसपा सांसद अतुल राय के विरुद्ध पहली मई 2019 को बलिया की रहने वाली पीड़ित ने वाराणसी के लंका थाने में एफआईआर दर्ज कराया था। वो वाराणसी के शिवपुर क्षेत्र के एक कॉलेज की पूर्व छात्रा थी। युवती ने साल भर पहलेप पीड़ित युवती और उसके गवाह ने सर्वोच्च न्यायालय के सामने आग लगा कर अपनी जान दे दी थी।
लंका थाने में दी तहरीर में युवती ने बताई थी आपबीती
पहली मई 2019 को पीड़ित युवती ने लंका थाने में तहरीर दी थी जिसमें बताया था कि वाराणसी में अध्ययन के दौरान दौरान अतुल राय से उसका परिचय हुआ। मार्च 2018 में अतुल उसे अपनी पत्नी से मिलवाने की बात कहकर चितईपुर स्थित फ्लैट ले गए। लेकिन फ्लैट में और कोई नहीं था। ऐसे में उसी समय खाली फ्लैट में अतुल राय ने उसके साथ रेप किया। साथ ही मोबाइल से न केवल तस्वीरें खींचीं बल्कि वीडियो भी बनाया था। युवती का आरोप रहा कि उस घटना के बाद अतुल राय उसे ब्लैकमेल कर लगातार रेप करने लगे। विरोध करने पर उन्होंने जान से मारने तथा परिवार को देख लेने की धमकी देते रहे।
युवती की तहरीर पर पुलिस ने तफ्तीश शुरू की
युवती की तहरीर के आधार पर लंका थाने की पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर अतुल की तलाश शुरू की। लेकिन वो भूमिगत हो गए। फिर लोकसभा चुनाव 2019 में जीत हासिल करने के बाद 22 जून 2019 को अतुल राय ने वाराणसी की अदालत में सरेंडर कर दिया, तभी से वो जेल में ही है। वर्तमान में वो प्रयागराज के नैनी सेंट्रल जेल में बंद हैं।
कभी मुख्तार के करीबी रहे अतुल राय
बता दें कि गाजीपुर के भांवरकोल थाना के बीरपुर गांव निवासी अतुल राय वाराणसी के मंडुवाडीह थाने के हिस्ट्रीशीटर हैं। उनके विरुद्ध 2009 से लेकर अब तक 27 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं। वाराणसी में बीएससी की शिक्षा ग्रहण करने के दौरान अतुल को जरायम की दुनिया भाने लगी और शनै-शनै वो पूर्व विधायक माफिया मुख्तार अंसारी के करीब आने लगे। लोकसभा चुनाव 2019 में घोसी से मुख्तार ने अपने बेटे अब्बास को बसपा का प्रत्याशी बनाना चाहते थे। मगर अतुल ने 14 अप्रैल 2019 को बसपा का टिकट हासिल कर घोसी से चुनाव लड़ा और जीत भी हासिल की। लेकिन इसे लेकर मुख्तार अंसारी से उनकी ठन गई।
Published on:
06 Aug 2022 05:14 pm
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