
बनारस को हरियालीयुक्त बनाने की कवायद, बनेंगे अमृत महोत्सव उद्यान (प्रतीकात्मक फोटो)
वाराणसी. श्री काशी विश्वनाथ की नगरी काशी को आनंद कानन नाम से भी जाना जाता है। हरियाली इस बनारस की खासियत रही है। बाग-बगीचों के शहर बनारस में "बहरी अलंग" कांसेप्ट भी इसी के तहत है जब लोग खाली समय में मुख्य शहर की सीमा पर स्थित बगीचों में जा कर पिकनिक मनया करते रहे। लेकिन धीरे-धीरे अनियोजित विकास की आंधी में वो बहरी अलंग भी नष्ट हो गया। चाहे बगीचे हो या झील कहीं किसी का नामो निशान नहीं बचा। इसी कारण से ये शहर अब दुनिया के चुनिंदा सर्वाधिक वायु प्रदूषण वाले शहरों में शुमार हो चुका है। लेकिन इस जिले की हरियाली वापस लौटाने की ओर शासन-प्रशासन का ध्यान गया है। आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत जिले की हर ग्राम पंचायत में अमृत महोत्वस उद्यान विकसित करने का निर्णय लिया गया है।
ग्राम पंचायत ही नहीं नगर पालिका और नगर पंचायत में भी बनेंगे अमृत महोत्व उद्यान
इस संबंध में वाराणसी के कलेक्टर कौशल राज शर्मा ने जिले की प्रत्येक ग्राम सभा, ग्राम पंचायत, नगर पालिका परिषद व नगर पंचायत में "अमृत महोत्सव उद्यान" की स्थापना का निर्देश दिया है। साथ ही इसके लिए जिला पंचायत राज अधिकारी व नगर निगम के अधिकारी को जिम्मेदारी सौंपी है।
योजना के तहत रोपे जाएंगे 20 लाख पौधे
कलेक्टर ने बताया कि पौधरोपण अभियान के अंतर्गत जुलाई में 20,77,618 पौधारोपण का लक्ष्य है। इसके तहत वन विभाग- 6,5 9, 358 तथा जिला स्तरीय अन्य सभी विभाग 14,18,260 पौधे रोपेंगे। अभियान के तहत जिले के सभी 694 ग्राम पंचायतों में अमृत महोत्सव उद्यान की स्थापना को पौधारोपण होगा। कलेक्टर ने इस महत्वपूर्ण योजना को अमली जामा पहनाने के लिए समय रहते सारी तैयारी करने की हिदायत दी है।
यही नहीं अमृत सरोवर भी बनेंगे
न केवल पौधरोपण होगा और अमृत महोत्सव उद्यान बनेंगे बल्कि गांवों में अमृत महोत्सव सरोवर का भी निर्माण किया जाएगा। ये अमृत महोत्सव सरोवर सभी 44 गंगा गांवों में बनेंगे। साथ ही इन सरोवरों पर नियमित 'गंगा आरती' भी होगी। इसके लिए स्वतंत्रता दिवस के 75 वर्ष पूर्ण होने पर मनाए जा रहे अमृत महोत्सव के अंतर्गत वाराणसी में "अमृत सरोवर" के रूप में 75 जलाशयों का निर्माण अथवा कायाकल्प किया जायेगा। इसकी जिम्मेदारी भी जिला पंचायत राज अधिकारी सौंपी गई है। जिला पंचायत राज अधिकारी नए जलाशयों के लिए स्थान व कायाकल्प करने को जलाशयों का चिन्हांकन करेंगे।
Published on:
05 May 2022 02:29 pm
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