सपा के पार्षद रहे बंशी यादव के पुत्र अंकित यादव ने सपा के प्रत्याशी रविकांत को ३२५ मतों से चुनाव हराया है। अंकित ने सपा से टिकट मांगा था लेकिन उसे टिकट नहीं मिल पाया था इसके बाद बागी होकर चुनाव लड़ा और जीत कर पिता का सपना पूरा किया। अंकित के पिता बंशी यादव भी इसी वार्ड से सभासद थे और आपराधिक मुकदमे के चलते जेल में बंद थे। सपा की सरकार के समय ९ मार्च २००४ को जेल के द्वार पर ही बंशी यादव की बदमाशों ने गोली मार कर हत्या कर दी थी इस घटना में तत्काल समय के चर्चित अन्नू त्रिपाठी, बाबू यादव आदि बदमाशों का नाम आया था। बाद में अन्नू त्रिपाठी को पुलिस ने पकड़ कर जेल भेजा था और जेल में ही अन्नू त्रिपाठी की बैरक में गोली मार कर हत्या कर दी गयी थी।
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सभासद बन कर किया पिता का सपना पूरा
बंशी यादव ने पुलिस से बचने के लिए ही राजनीति का दामन थामा था, लेकिन बंशी यादव को नहीं पता था कि सभासद बनने के बाद भी उसकी जान नहीं बच पायेगी। बंशी यादव के बेटे अंकित ने राजनीतिक दुनिया में प्रवेश करने के लिए ही निकाय चुनाव लड़ा था। पिता के क्षेत्र में बेटे ने मेहनत की और सफलता भी मिल गयी है। खास बात रही कि रविकांत पहले भी चुनाव जीत चुके थे और उन्हें हराना आसान नहीं था इसके बाद भी अंकित यादव ने निर्दल प्रत्याशी बन कर पिता की तरह सभासद की कुर्सी पर कब्जा कर लिया है।
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बंशी यादव ने पुलिस से बचने के लिए ही राजनीति का दामन थामा था, लेकिन बंशी यादव को नहीं पता था कि सभासद बनने के बाद भी उसकी जान नहीं बच पायेगी। बंशी यादव के बेटे अंकित ने राजनीतिक दुनिया में प्रवेश करने के लिए ही निकाय चुनाव लड़ा था। पिता के क्षेत्र में बेटे ने मेहनत की और सफलता भी मिल गयी है। खास बात रही कि रविकांत पहले भी चुनाव जीत चुके थे और उन्हें हराना आसान नहीं था इसके बाद भी अंकित यादव ने निर्दल प्रत्याशी बन कर पिता की तरह सभासद की कुर्सी पर कब्जा कर लिया है।
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