आजादी के रंग में रंगा वाराणसी वाराणसी के लहुराबीर, गिरजाघर, पटेल चौक, मलदहिया, मंडुवाडीह, रथयात्रा और लंका चौराहे पर अदभुत नजारा देखा गया। जोशीले बच्चों ने तिरंगा यात्रा निकाली। चौराहों पर जैसे ही राष्ट्रगान शुरू हुआ, बाकी लोग जहां भी रहे, वहीं से राष्ट्रगान में हिस्सा लेकर इसे गाना शुरू कर दिया। आजादी के रंग में रंगे लोग, चाहे वह बच्चे, युवा या बुजुर्ग सभी 52 सेकेंड तक थमे और उनके लबों पर राष्ट्रगान रहा।
आधी रात से ही सज गया बनारस वाराणसी में 14 अगस्त की आधी रात से ही मेले का माहौल था। टोले मोहल्ले से निकले जुलूस नारे लगाते, गीत गाते और तिंरगा लहराते हुए आजादी के पहले कदम के स्वागत में मुख्य समारोह आयोजित किया गया था। दुल्हन की तरह सजे काशी में भवन से लेकर सामने की सड़क तक फूलों की पंखुड़ियों की कालीन बिछी थी। भीड़ के शोर की वजह से लाउडस्पीकर पर कार्यालय से प्रसारित की जा रही सूचनाएं सुन पाना मुहाल हुआ जाता था।