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श्री कृष्ण जन्माष्टमी 2022 पर काशी में “हर” बनेंगे “हरि”, अधरों पर होगी मुरली, होगा दिव्य दर्शन

श्री कृष्ण जन्माष्टमी 2022 पर भूतभावन शंकर की नगरी काशी पूरी तरह से नारायण (श्री कृषम) का जन्मोत्सव मनाने को उतावली है। यहां तक कि आज के दिन विशेष पर "हर" बनेंगे "हरि" और अधरों पर होगी मुरली, शाम को महंत आवास पर होगा दिव्य दर्शन। साथ ही रंगारंग सास्कृतिक आयोजन। ऐसा नहीं कि ये पहली बार हो रहा है। ये काशी की प्राचीन परंपरा है।

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लड्डू गोपाल

लड्डू गोपाल

वाराणासी. श्री कृष्ण जन्माष्टमी 2022 पर श्री काशी विश्वनाथ की नगरी नारायण श्री हरि के जन्मोत्वस मनाने को व्याकुल है। बाजार सजावटी सामानों से सज चुके हैं। कहीं लकड़ी के आकर्षक खिलौने मिल रहे तो कहीं बुरादा और कहीं झांवा। यशोदानंद के बाल स्वरूप की एक से बढकर एक आकृति के खिलौनों की भरमार है। कान्हा के जन्म के बाद उनके लिए सुनहले परिधानों के स्टाल भी सज गए हैं। इस बीच आज की शाम श्री काशी विश्वनाथ अर्थात "हर" नारायण यानी "हरि" का रूप धरेंगे। उनके अधरों पर सजेगी मुरली। विश्वनाथ मंदिर के महंत डॉ कुलपति तिवारी के आवास पर श्री कृष्ण जन्मोत्सव की तैयारी जोर-शोर से चल रही है। संध्या बेला में रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम, भजन, सोहर आदि का भी इंतजाम किया गया है।

बाबा विश्वनाथ का श्रीकृष्ण के रूप में होगा विशेष शृंगार, ऐसे होंगे दर्शन

काशी विश्वनाथ मंदिर के महंत डॉ. कुलपति तिवारी ने पत्रिका से बातचीत में बताया कि आज श्रीकृष्ण जन्माष्टी के दिन बाबा विश्वनाथ की रजत प्रतिमा का हरि स्वरूप में भव्य शृंगार किया जाएगा। हर, हरि के रूप में दर्शन देंगे और उनके अधरों पर होगी मुरली। ये सब टेढी नीम स्थित महंत आवास पर आज शाम को होगा।

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विश्वनाथ मंदिर के स्थापना काल से चली आ रही लोक परंपरा

महंत डॉ तिवारी ने बताया कि श्री विश्वनाथ मंदिर के स्थापना काल से ही ये लोक परंपरा चली आ रही है। इसके तहत हर साल श्री कृष्ण जन्माष्टमी के दिन बाबा विश्वनाथ का श्रीकृष्ण रूप में विशेष शृंगार किया जाता है। मंदिर के अधिग्रहण के पूर्व तक काशीवासी इस विशिष्ट श्री कृष्ण जन्मोत्सव के साक्षी हुआ करते थे। कालांतर में एहतियातन सुरक्षा की दृष्टि से श्री काशी विश्वनाथ मंदिर और महंत आवास भी रेड जोन में आ गया था। लिहाजा आमजन का महंत आवास तक पहुंचना कठिन हो गया। हाल ये हो गई कि श्री कृष्ण जन्मोत्सव के मौके पर काशीवासियों की जुटान नाम मात्र की रह गई। अब जबकि महंत आवास विश्वनाथ मंदिर परिक्षेत्र से बाहर टेढ़ी नीम मोहल्ले में स्थानांतरित हो गया तो पुनः काशीवासियों को बिना किसी बाधा के बाबा के लोक उत्सवों में सम्मिलित होने का अवसर मिलेगा।

शाम सात बजे से आरंभ होंगे "हर" के "हरि" रूप में दर्शन और सांस्कृतिक आयोजन

डॉ तिवारी ने बताया कि शुक्रवार की शाम सात बजे से हर के हरि स्वरूप में शृंगार दर्शन आरंभ होंगा। इस अवसर पर पुनीत जेटली पागल बाबा, अराधना सिंह एवं पूनम श्रीवास्तव आदि भूतभावन शंकर व श्री कृष्ण भजनों की प्रस्तुति देंगे।

गोपाल मंदिर व इस्कॉन मंदिर में जन्मोत्सव का उल्लास

उधर चौखंभा स्थित गोपाल मंदिर और इस्कान मंदिर में श्री कृष्ण के जन्मोतस्व का उल्लास देखा जा सकता है। मध्य रात्रि में श्रीकृष्ण के जन्म के साथ ही उल्लास का रंग परवान चढ़ेगा।