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समस्याओं से कराहता शहर बनारस, बन गया सूबे का अव्वल स्मार्ट सिटी, देखें तस्वीरों में…

अब कांग्रेस 'प्रॉबल्म ऑफ वाराणसी अभियान' से खोलेगी पोल, 26 जून से शुरू होगा अभियान। बीजेपी के संपर्क फॉर समर्थन की काट।

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 Number One Smart City

समस्याओं से कराहता शहर, जहां बुनियादी सुविधाएं हैं नदारद, जनता पीने के पानी को तरस रही, घर से लेकर मंदिर-मस्जिद तक गंदे पानी में डूब रहे, कहने को 24 घंटे बिजली आपूर्ति की घोषणा, चारों तरफ कूड़े कचरे का अंबार, न वरुणा साफ न गंगा। फिर भी शहर बनारस बन गया सूबे का अव्वल स्मार्ट सिटी। ठीक उसी तरह जैसे दो साल पहले यह बदहाल शहर सूबे का सबसे स्वच्छ शहर घोषित हुआ था। अब स्मार्टेस्ट सिटी बन गया। यही नहीं देश के 100 स्मार्ट शहरों में इसे 11वां स्थान मिल गया है। यहां तक कि प्रदेश की राजधानी लखनऊ भी स्मार्टनेस के मामले में 43वें स्थान पर है। ये रैंकिंग मिली है अवस्थापना सुविधाओं, पर्यावरण, विद्युतीकरण, परिवहन आदि के विकास कार्यों को लेकर। नंबर दिया है केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय ने। इसी को भुनाने चली है भारतीय जनता पार्टी, चला रही है संपर्क फॉर समर्थन अभियान। इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित कई केंद्रीय व राज्य के मंत्री बनारस आ चुके हैं। मुख्यमंत्री तो कई दिग्गजों से मिले भी। अन्य मंत्री भी दिग्गजों से संपर्क साध चुके हैं। ऐसे में भाजपा के स्मार्ट सिटी बनारस का असल चेहरा जो यहां के नागरिकों से छिपा नहीं है उसका और बारीकी से खुलासा करने निकलने वाली है कांग्रेस। कांग्रेस ने तय किया है कि अब वह चलाएगी 'प्राब्लम ऑफ वाराणसी' अभियान। अभियान शुरू होगा 26 जून से।

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प्रदेश कांग्रेस के निर्देश पर पहले से ही जिला स्तर पर ब्लाकवार कार्यकर्ता सम्मेलन चलाया जा रहा है। इसके तहत चिरईगांव और काशी विद्यापीठ ब्लाक में कार्यकर्ता सम्मेलन हो भी चुके हैं। यह सम्मेलन 25 जुलाई तक चलना है। इसका उद्देश्य भी कार्यकर्ताओं को बीजेपी की खामियों को बता कर उन्हे घर-घर, पुरवा-पुरवा जाकर केंद्र और राज्य सरकार की खामियों से लोगों को अवगत कराना है। इसी कड़ी में कार्यकर्ता सम्मेलन के समापन के ठीक अगले दिन से पार्टी के वरिष्ठजनों से शहर में प्रॉब्लम ऑफ सिटी अभियान शुरू करने का निर्णय लिया है। वे भी मोहल्ले-मोहल्ले, घर-घर जा कर लोगों को उनकी ही समस्याओं की बारीकियों से वाकिफ कराएंगे। बताएंगे कि ये किसकी देन है। वो यह भी बताएंगे कि पिछले 28 साल से कांग्रेस तो सूबे की सियासत से कोसों दूर है, लेकिन इस शहर में जहां 21 साल से भाजपा की स्थानीय सरकार है, पिछले चार साल से यह देश का अति विशिष्ट शहर है, साल भर से ज्यादा हो गया जब केंद्र व राज्य दोनों ही जगह भाजपा की सरकार है। फिर भी गंगा तट पर रहने वाले एक अंजुरी पानी को मोहताज हैं। सीवर के गंदे पानी से गुजरना उनकी नियति बन गई है। प्रधानमंत्री का संसदीय क्षेत्र है पर बमुश्किल बिजली के दर्शन होते हैं। यातायात का यह आलम कि एक किलोमीटर की दूरी तय करने में कम से कम एक से डेढ़ घंटे लगते हैं। विकास का हाल यह है कि 2019 लोकसभा चुनाव में विकास की गिनती गिनाने के चक्कर में निर्माणाधीन फ्लाइओवर का बीम गिर जाता है पर कौन काम करा रहा है इसका खुलासा तक नहीं होता, काम दो साल से चल रहा है पर जांच एजेंसियां हो या जिला प्रशासन उसे ठेकेदार का नाम तक पता नहीं, ऐसे में अज्ञात ठेकेदार के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई जाती है। वो शहर जो प्रदूषण के मामले में यूपी का तीसरा शहर घोषित हो गया है। जहां की आबो हवा ऐसी कि दिल तो छलनी हो ही रहा है, ऐसी ऐसी घातक बीमारियां पांव पसार रही हैं जो जानलेवा कैंसर से भी घातक हैं। पर्यावरणविद् चिंतित हैं, पर उनकी आवाज नक्कार खाने में तूती बन कर रह गई है।

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ऐसे में कांग्रेसियों से एक आपात बैठक कर समस्याओं से कराहते शहर बनारस को एक बार फिर से जुमलेबाजों से बचाने के लिए संपर्क फॉर समर्थन की काट के रूप में प्रॉब्लम ऑफ वाराणसी अभियान शुरू करने का फैसला लिया। उनका कहना है कि शहर समस्याओं से जूझ रहा है और भाजपा एक बार फिर काशी को गुमराह करने निकली है अपने चिरपरिचित अंदाज में सरमायेदारों संग फोटो खिंचाऊ राजनीति से। उनका कहना है कि सड़क में गड्ढा है या गड्ढे में सड़क पता ही नहीं चलता। विकास के नाम पर पूरा शहर खोद दिया गया है जिससे उड़ने वाली धूल फेफड़ों को छलनी कर रही है। जाम की समस्या ऐसी कि घंटों पेट्रोल व डीजल का काला धुआं घोलने को विवश हैं आम नागरिक। शहर बनारस का आम व खास हर नागरिक त्रस्त है और भाजपा अपनी उपलब्धि गिनाने चली है। वो भाजपा जिसकी केंद्र व प्रदेश सरकार वाराणसी में एक भी बुनियादी सुविधाएं चार साल में बहाल नहीं कर पाई।

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उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा जनप्रतिनिधियों के उपेक्षात्मक रवैये के चलते काशी का विकास पूर्णतया अवरुद्ध है और विकास के नाम पर जिन बुनियादी सुविधाओं का नवीनीकरण किया जा रहा उन कार्यों में गुणवत्ता व मानक की भारी अनदेखी की जा रही है। जन सामान्य को उन पर हो रहे खर्च की जानकारी से वंचित रखा जा रहा। सरकार व सरकार के नुमाइंदे गलत आंकड़े दे जनता को गुमराह कर रहे। ऐसे में "प्राब्लम आफ वाराणसी" कार्यक्रम के माध्यम से शहर की समस्याओं को जनता के समक्ष लाकर भाजपा के कथनी व करनी की पोल खोलेगी कांग्रेस। यह अभियान 26 जून से शुरु किया जायेगा।

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बैठक में पीसीसी सदस्य पूनम कुंडू, डॉ जितेंद्र सेठ, प्रमोद श्रीवास्तव, विपिन सिंह, वीणा पांडेय, किरण सिंह, वीरेंद्र सिंह , राजेश मिश्रा 'गुडडु', मनोज वर्मा 'मनु', शांतनु त्रिपाठी, अनूप श्रमिक, जागृति राही, मीरा तिवारी, महालक्ष्मी शुक्ला, शिखा मौर्या, अभिषेक चौरसिया आदि मौजूद थे। संचालन शहर कांग्रेस सेवादल के मुख्य संगठक प्रभात वर्मा ने किया। अध्यक्षता वरिष्ठ कांग्रेस नेता अनिल श्रीवास्तव 'अन्नू' ने की।