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77 लाख गबन के आरोप में BHU कर्मचारी वेतनभोगी सहकारी समिति भंग

BHU कर्मचारी वेतनभोगी सहकारी समिति पर 77 लाख के गबन का आरोप लगने के महीने भर बाद समित भंग कर दी गई है। ये कार्रवाई अपर आयुक्त व अपर निबंधक देवमणि मिश्रा के स्तर से की गई है। बता दें कि जुलाई में BHU कर्मचारी वेतनभोगी सहकारी समिति पर 77 लाख के गबन के आरोप का खुलासा हुआ था।

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वाराणसी. बनारस हिंदू विश्व विद्यालय (BHU) के कर्मचारी वेतनभोगी सहकारी समित को 77 लाख के गबन के आरोप में भंग कर दिया गया है। ये कार्रवाई अपर आयुक्त एवं अपर निबंधक देवमणि मिश्रा के स्तर से की गई है। उन्होंने सहकारी समिति के पुनर्गठन तक के लिए तीन सदस्यीय नई कमेटी भी गठित कर दी है जिसमें एडीसीओ पिंडरा संतोष कुमार, एडीसीओ राजातालाब माधव राम और एडीओ प्रदीप कुमार मौर्य को शामिल किया हैं।

भंग कमेटी के पदाधिकारियो ने विरोध में मुख्यमंत्री को लिखा पत्र

जानकारी के मुताबिक अपर आयुक्त एवं अपर निबंधक देवमणि मिश्रा की इस कार्रवाई से भंग कमेटी के पदाधिकारियों ने नाराजगी जताते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिख कर विरोध जताया है। भंग कमेटी के सदस्यों काकहना है कि ये कार्रवाई सहकारी अधिनियमों के विरुद्ध है। कमेटी के निवर्तमान अध्यक्ष बेचन सिंह का आरोप है कि सहकारी समिति अधिनियम 1965 की धारा 35 (1) व (2) के तहत विभाग उन्हीं कमेटियों को भंग कर सकता है जिसमें शासकीय धन लगा हो। बीएचयू सहकारी समिति में ऐसा नहीं है। ऐस में ये आदेश सही नहीं।

ये भी पढें- बीएचयू कर्मचारी वेतनभोगी सहकारी समिति में 77 लाख का गबन

परिसर में सत्ताधारी दल से जुड़े नेता के दबाव में समिति भंग करने की चर्चा

विश्वविद्याल परिसर में चल रही चर्चा के अनुसार सहकारी समिति को एक सत्ताधारी दल से जुड़े एक नेता के दबाव में भंग किया गया है। इस मामले में जिन पदाधिकारियों को आरोपि माना गया था, उसमें से एक राजनीतिक दल के प्रभावशाली नेता के रिश्तेदार हैं। चर्चा ये भी है कि गबन के आरोपियों में से एक के पास अधिकारियों संग बातचीत का ऑडियो है जिसका इस्तेमाल वो कमेटी भंग न करने की दिशा में वायरल कर कर सकते थे।