
BHU Hospital
वाराणसी. बीएचयू (BHU) अस्पताल में बच्चों के लिए एनआईसीयू बेड खाली रहने के बावजूद रविवार को नवजात के इलाज के लिए उसे भर्ती न कर मंडलीय अस्पताल रेफर कर दिया गया। ऐसे में परिवार वाले ऑटो में ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर उसे मंडलीय अस्पताल में भर्ती करने के लिए भटकते रहे। पीड़ित की तस्वीर वायरल होने के बाद सोमवार को अस्पताल के एमएस प्रो. केके गुप्ता ने बाल रोग विभाग के अध्यक्ष प्रो. राजनीति प्रसाद को बुलाकर बातचीत की और इस प्रकरण पर विस्तृत जवाब मांगा। उन्होंने कहा कि इस घटना के बाद ऐसी तैयारी की जा रही है कि बेड की उपलब्धता की जानकारी ओपीडी और इमरजेंसी में तैनात सभी चिकित्सकों के पास रहे। इससे इस तरह की लापरवाही नहीं होने पाएगी।
रिपोर्ट के आधार पर नियम अनुसार कार्रवाई
रविवार को सैदपुर के महमूदपुर निवासी शशिभूषण यादव के 10 दिन के बच्चे को बीएचयू अस्पताल के एनआईसीयू में बेड होने के बाद भी बेड नहीं दिया गया। पर्चे पर बेड न होने की बात लिखकर उन्हें मंडलीय अस्पताल के लिए रेफर कर दिया। मामला जब बाहर निकला तो बाल रोग विभाग के अध्यक्ष प्रो. राजनीति प्रसाद ने मामले की जांच शुरू करवा दी। उन्होंने एमएस प्रो. केके गुप्ता, डिप्टी एमएस प्रो. सौरभ सिंह से इस पर वार्ता की। केवल बाल रोग विभाग ही नहीं बल्कि अस्पताल में कही भी अगर बेड है तो बिना जानकारी के बेड न होने की बात कहकर किसी मरीज को वापस न किया जाए, इस तरह का निर्देश पहले ही दिया जा चुका है। आईएमएस बीएचयू के निदेशक प्रो. बीआर मित्तल ने भी अस्पताल प्रशासन की लापरवाही पर सवाल उठए। उन्होंने कहा कि एनआईसीयू में बेड खाली होने के बाद भी रविवार को इमरजेंसी में किसने और क्यों बच्चे को भर्ती नहीं किया। इस मामले में अस्पताल के एमएस से रिपोर्ट मांगी गई है। रिपोर्ट आने के बाद उसके आधार पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। जो भी जिम्मेदार होगा उसके खिलाफ ठोस कार्रवाई होगी।
बच्चे की सेहत में सुधार
बच्चे को एनआईसीयू में भर्ती कर लिया गया है। उसकी सेहत पहले से कुछ ठीक है। बच्चे के परिजन चंद्रभूषण यादव के अनुसार बच्चे की सेहत में भी सुधार हो रहा है। उन्होंने कहा कि जैसा उनके साथ हुआ, वैसे किसी और के साथ न हो, इसके लिए व्यवस्था में सुधार कराया जाना जरूरी है।
Published on:
01 Jun 2021 10:23 am
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