
निपाह वायरस
वाराणसी. देश ही नहीं दुनिया भर को दहशत में लाने वाले निपाह वायरस से बचा जा सकता है। उसके कुछ खास लक्षण हैं, जिनके आधार पर उसकी पहचान की जा सकती है। साथ ही इस वायरस की चपेट में आने से खुद को बचाया जा सकता है। इस सिलसिले में बीएचयू के मालीक्यूलर बायोलॉजिस्ट प्रो सुनीत कुमार सिंह कुछ सुझाव दिए हैं और कहा है कि इन सुझावों पर अमल कर खुद को इस घातक वायर से बचा जा सकता है।
केरल के कोझिकोड में निपाह वायरस से हुई कई मौत का भय अब यूपी ही नहीं बनारस तक पहुंच गया है। हालाकि बीएचयू के वैज्ञानिक प्रो सिंह का कहना है कि इस वायरस के संक्रमण की रिपोर्ट सबसे पहले मलेशिया और सिंगापुर में की गई थी। इसके बाद बांग्लादेश और भारत में भी इसका संक्रमण मिला। आमतौर पर निपाह वायरस से संक्रमित मरीजों के परिवार और देखभाल करने वालों में इसका संक्रमण तेजी से होने की आशंका रहती है। संक्रमित चमगादड़ के प्रत्यक्ष संपर्क में आने से भी इससे संक्रमित होने का खतरा रहता है। जो लोग ‘डेट पाम’ के निपाह वायरस से संक्रमित फलों को खाते हैं, यह वायरस उन्हें भी प्रभावित कर सकता है। इसका संबंध एंसेफलाइटिस से भी जुड़ा है। इस वायरस से संक्रमित होने पर संक्रमित व्यक्ति को बुखार और सिरदर्द होता है। इसके बाद निंद न आना, किसी काम में मन न लगना और भ्रम की स्थिति पैदा होती है। इस वायरस से बचने के लिए निगरानी और जागरूकता पर केंद्रित प्रयास किए जाने चाहिए।
इन बातों का रखें ध्यान
-खजूर व नारियल का इस्तेमाल सावधानी पूर्वक करें
-कटे फ ल के सेवन से बचें
ऐसे लक्षण दिखें तो हो जाएं सतर्क
-इस वायरस का असर 5 से 14 दिन का होता है।
- सर्दी-जुखाम, बदन दर्द, सिर दर्द, उल्टी आना, पेद दर्द, खांसी आना, अचानक सांस फूलना, चक्कर आना, झटके आना, बेहोशी, यहां तक कि संक्रमित व्यक्ति कोमा तक में जा सकता है।
क्या करें और क्या नहीं
- खाने की वस्तुएं चमगादड़ से संक्रमित न हों
- नारियल से बनने वाली चीजों से परहेज करें
- हाथ अच्छे से धोएं और बीमार मरीज से दूर रहें
- वायरस संक्रमित मरीज के बिस्तर व बर्तन, कपड़े अलग रखें
- इस बीमारी से मृत व्यक्ति के शव को छूने में सावधानी बरतें
Published on:
25 May 2018 04:28 pm
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